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फिर से लटका लोकपाल बिल, 25 जुलाई से टीम अन्‍ना का अनशन

By Ajay Mohan
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Anna Hazare
नई दिल्‍ली। अन्‍ना हजारे के देश व्‍यापी आंदोलन को केंद्र सरकार सरकार ने कितनी गंभीरता से लिया यह बात पूरी दुनिया को समझ में आ गई है, क्‍योंकि केंद्र सरकार ने एक बार फिर लोकपाल बिल लटका दिया है। राज्‍यसभा में ध्‍वनि मत हासिल कर केंद्र ने बिल को सेलेक्‍ट कमेटी को भेज दिया। इससे नाराज टीम अन्‍ना के सदस्‍यों ने अनशन की धमकी दी है।

राज्‍यसभा में यह निर्णय हुआ कि बिल को शीतकालीन सत्र में चर्चा के बाद पारित किया जायेगा। सोमवार को जब केंद्र सरकार ने संशोधित लोकपाल बिल पेश किया तो वैसे ही कई सांसद इसे सेलेक्‍ट कमेटी को भेजने की मांग करने लगे। ये सांसद यूपीए के सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल थे। यूपीए को सपा का बाहर से समर्थन प्राप्‍त है। इससे यह साफ हो गया कि केंद्र ने सोचे समझे ढंग से यह काम किया।

भाजपा ने किया विरोध

हालांकि अगर संसद के नियमों पर गौर करें तो बिल को सेलेक्‍ट कमेटी को भेजना नियमों के खिलाफ था, क्‍योंकि ऐसा प्रस्‍ताव सत्‍ताधारी दल के अलावा कोई कर ही नहीं सकता। इस पर जब भाजपा ने हंगामा शुरू कर दिया तो सरकार की ओर से नारायण स्‍वामी खड़े हुए और बिल को पंद्रह सदस्‍यीय कमेटी को भेजने का प्रस्‍ताव रख दिया।

भारतीय जनता पार्टी ने विरोध करते हुए सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर उसकी मंशा क्‍या है। अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस बा‍बत जवाब देना चाहिये, कि आखिर सरकार बिल पास करना चाहती है या नहीं। यह जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। वही मायने में लोकपाल बिल अब संसद की प्रतिष्‍ठा का सवाल बन गया है, लेकिन सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं।

जेटली ने कहा कि यूपीए सरकार को उसी दिन लोकपाल बिल की याद क्‍यों आती है जब सत्र का आखिरी दिन होता है। पिछली बार भी अंतिम दिन बिल पेश किया गया और इस बार भी सत्र खत्‍म होने के एक दिन पहले बिल पेश किया गया। अगर सेलेक्‍ट कमेटी को भेजना था तो पहले से सरकार को यह बात स्‍पष्‍ट करनी चाहिये थी।

टीम अन्‍ना का अनशन 25 जुलाई से

उधर टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी टीम जल्‍द ही एक बैठक बुलायेगी और चूंकि अन्‍ना की तबियत ठीक नहीं चल रही है, लिहाजा 25 जुलाई से टीम अन्‍ना के सदस्‍य अनशन करेंगे। इस बार का आंदोलन पिछली बार से बड़ा होगा यह बात तय है।

अन्‍ना हजारे ने कहा, "हम एक साल से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन 42 साल से यह बिल संसद में पड़ा है। इनकी इच्‍छा नहीं है इनकी मंशा ही नहीं है यह बिल पास करने की। तरह-तरह की कमेटियां बनाकर सरकार लोगों के साथ छल कर रही है।"

अन्‍ना ने आगे कहा कि सरकार की मंशा नहीं है, क्‍योंकि इस कानून के बनने के बाद मंत्रियों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

Comments
English summary
Lok Sabha has send the Lokpal Bill to select committee of government to review it. Team Anna has expressed its anger and threatened to have fast.
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