ऑनर किलिंग में तीन भाईयों को उम्रकैद की सजा
इस संबंध में 15 जनवरी, 2010 को जीआरपी ने मामला दर्ज किया था। दायर चालान के अनुसार बरेली निवासी कन्हैया लाल घटना से कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ क्षेत्र में आया था। उसके कथित रूप से दोषियों की बहन मीरा के साथ प्रेम प्रसंग थे जो कन्हैया लाल के साथ ही वर्ष 2009 में घर से भागकर वहां आई थी। इसका पता चलते ही आरोपी भी वहां आ पहुंचे।
हत्या के मामले का खुलासा ट्रेन के अंबाला रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर हुआ जब यात्रियों ने शौचालय में एक लाश देखी। मृतक कन्हैयालाल के भाई छेदी लाल ने पुलिस को बताया था कि उसका भाई बरेली से एक लड़की को शादी के लिए भगाकर लाया था और प्रेमी जोड़ा वहीं रहने लगा।
युवती के भाइयों ने दोनों की शादी करवाने की हामी भर दी और कन्हैयालाल व लड़की को सद्भावना एक्सप्रेस में वापस बरेली लाने लगे। आरोपियों ने कन्हैयालाल का सिर ट्रेन की सीट से पटक-पटक कर मार डाला था और शव को ट्रेन के शौचालय में लटका दिया। इस मामले में अदालत में 14 गवाहियां हुईं जिस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया था।