फतवा- शराब, इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर न खरीदें
दारुल उलूम देवबंद ने फतवे में उन छह शर्तों का खुलासा किया है जिनका पालन करने पर मुसलिम किसी कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं। पहली शर्त यह बताई गई है कि कंपनी किसी शराब, इंश्योरेंस और ब्याज आधारित बैंकिंग जैसा कोई कारोबार न करती हो। यह भी जरूरी है कि जिस कंपनी के शेयर लिए जाएं, उसके पास इमरात जैसी अचल संपत्ति भी हो।
दारुल उलूम के पास कुछ समय से बैकिंग और शेयर मार्केट को लेकर लगातार सवाल आ रहे हैं। सबसे ज्यादा उलझन इस बात को लेकर रहती है कि अगर कोई कारोबार ब्याज पर आधारित हो तो उससे किसी भी रूप में जुड़ना जायज है या नहीं। ऐसे ही एक सवाल में पूछा गया कि क्या किसी कंपनी के शेयर खरीदे जा सकते हैं? और अगर हां तो इसके लिए क्या शर्ते हैं? इसे दारुल उलूम के फतवा विभाग दारुल इफ्ता ने अपनी स्पेशल कैटेगरी में लिया। फतवा जारी किया मुफ्ती फखरुल इस्लाम ने। फतवे का सत्यापन किया नायब मुफ्ती महमूद हसन बुलंदशहरी, जैनुल इस्लाम और सहायक मुफ्ती वकार अली ने।
फतवे में शेयर खरीदने के लिए छह शर्तों का पालन करना जरूरी बताया गया है। इनमें पहली है कंपनी का किसी नाजायज कारोबार में शामिल न होना। दूसरा कंपनी की संपत्ति केवल कैश न होकर, अचल संपत्ति भी होना। तीसरा अगर कंपनी का शेयर धारक बनने के बाद पता चले कि इसमें ब्याज भी है तो इसके खिलाफ मीटिंग में आवाज उठाई जाए। चौथा जब मुनाफे का बंटवारा हो तो उसका एक हिस्सा गरीबों को दिया जाए। पांचवां शेयर खरीदने का मकसद सट्टा न होकर बिजनेस में पार्टनरशिप हो। छठी शर्त ये है कि शेयर बेचने वाले और खरीदने वाले पक्षों को इस कारोबार से होने वाले नफे और नुकसान का पहले से पता हो।