प्रणब ने भाजपा से पूछा- कहां गया केंद्र का पैसा
प्रणब ने पत्रकार वार्ता में कहा कि किसी भी राज्य की जनता कुछ मुद्दों पर राज्य में स्थिरता, निरंतरता तथा जवाबदेही के लिये किसी पार्टी की सरकार का चयन करती है। भाजपा ने उत्तराखंड में सात वर्षों के शासनकाल में पांच बार मुख्यमंत्री बदलकर अस्थिरता को बढ़ावा दिया। बार-बार मुख्यमंत्री बदलकर भाजपा ने जनमत के विचारों का उल्लंघन किया है। यदि राज्य में स्थिरता नहीं रहेगी तो जवाबदेही कहां से आयेगी।
मुखर्जी ने कहा कि आज के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी कई विषयों पर यह कह देते हैं कि वह जवाबदेह नहीं हैं। क्या यह जनमत का उल्लंघन नहीं हैं। जनता किसी भी पार्टी को पांच वर्षों तक स्थिर सरकार चलाने के लिये वोट देती है। उन्होंने कहा कि लोग उम्मीद करते हैं कि आप पांच वर्ष तक लेखा जोखा लेकर चुनाव में सामने आइये, लेकिन भाजपा ने बार बार मुख्यमंत्राी बदलकर लेखा जोखा सामने रखने तथा जवाबदेही का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। भाजपा को इसका जवाब देना ही होगा।
वित्तमंत्री ने आंकडे़ पेश करते हुये कहा कि उत्तराखंड सरकार को पिछले 12वें वित्त आयोग द्वारा पांच वर्षों के लिये कुल 12,194 करोड़ रुपये दिये गये। यह राशि प्रत्येक राज्य में पांच वर्षों के लिये ही दी जाती है। उत्तराखंड की सरकार ने केन्द्र से मिली मदद का सही उपयोग नहीं किया। चालू वित्त आयोग द्वारा इस राशि में करीब 65 प्रतिशत का इजाफा कर 20,308 करोड़ रुपये दिये गये।
प्रणब ने पूछा कि केंद्र द्वारा भेजा गया धन कहां गया। इस धन से इस राज्य में विकास होना ही चाहिये था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस राज्य में विकास कार्यों के लिये खर्च किये जाने वाले प्रत्येक 100 रूपये में 66 रूपये केन्द्र सरकार द्वारा दिये जाते है। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस राज्य में विकास व्यय के तहत खर्च किये जाने वाली राशि में प्रत्येक 100 रूपये में 66 रूपये केन्द्र द्वारा दिया जाता है।
इसके तहत सड़क, पुल, अस्पताल तथा अन्य विकास कार्य कराये जाते हैं। उन्होंने पूछा कि जब केन्द्र ने इतनी भारी राशि प्रदान की तो विकास क्यों नहीं किया गया। इसके लिये भाजपा को लोगों को जवाब देना ही होगा। केन्द्र हमेशा पैसा भेजता है और राज्य में उसका सही उपयोग नहीं होता है तो इसका जवाब देने के लिये भी राज्य की भाजपा सरकार को तैयार रहना होगा।