बैंक को 45 लाख का चूना लगाने वाला ज्वैलर गिरफ्तार
मनोज ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से धोखाधड़ी की। तंगी की वजह से उसकी स्कूल की पढ़ाई छूट गई। ग्यारह वर्ष की उम्र में एक कपड़े की दुकान पर हेल्पर का काम करने लगा। इसके बाद उसने आर्टिफिशियल और चांदी के जेवरात का व्यवसाय करने लगा। तीन साल पहले उसने सागरपुर में ज्वेलरी की दुकान खोली। तंगी की वजह से उसे दुकान बंद करनी पड़ी।
कुछ दिनों बाद फिर से आर्टिफिशियल ज्वेलरी का सप्लाई करने लगा। इसी दौरान वह संजय शर्मा के संपर्क में आया। उनसे विकास टॉवर में ज्वैलरी की दुकान खोलने को कहा। संजय के सहयोग से शुरू की गई कंपनी का वह डायरेक्टर बन गया। बैंक की मदद से उसने दुकान में तीन स्वैपिंग मशीन लगवाई। आठ से 31 अक्तूबर के बीच उन लोगों ने मशीन में 74 फर्जी स्वैपिंग की और बैंक को करीब 45 लाख से ज्यादा का चूना लगाया। अकाउंट में रुपये आने के बाद सभी फरार हो गए।