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आखिर क्‍या है काले धन का सफेद सच?

By अंकुर कुमार श्रीवास्‍तव
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Black money
दिल्‍ली। आज जो कुछ भी टीवी चैनल्‍स पर नजर आ रहा है उसके पीछे सिर्फ एक ही कारण है। और वह है काला धन। बाबा रामदेव ने काले धन के खिलाफ मोर्चा खोला और लोकतंत्र को हिला कर रख देने वाली वारदात सामने आई। मगर देश में कितना काला धन है? इसका सही जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। जितने मुंह सिर्फ उतनी बातें हैं। सरकार के पास न तो कोई आंकड़ा है और न ही इसका ठोस तरीके से पता लगाने का कोई तरीका। अन्य एजेंसियां भी सुनी-सुनाई बातों को दोहरा रही हैं।

काले धन पर सरकारी व गैर-सरकारी दावों को देखने से साफ हो जाता है कि इस बारे में सब अंधेरे में तीर चला रहे हैं। आपको बताते चलें कि वित्‍त मंत्रालय ने पिछले दिनों य‍ह स्‍वीकार किया था कि काले धन का कोई ठोस आंकड़ा उसके पास नहीं है। हालांकि वित्त मंत्रालय का यह भी दावा है कि यह राशि 500 अरब डॉलर से 1500 अरब डॉलर तक हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ काले धन को लेकर अपनी जान सांसत में डालने वाले बाबा रामदेव लगातार यह कह रहे हैं कि विदेशी बैंकों में भारतीयों ने चार सौ लाख करोड़ रुपये की राशि बतौर ब्लैक मनी रखी हुई है।

इसे वापस लाया जाना चाहिए। यह आंकड़ा कहां से आया, इस बारे में बाबा कुछ नहीं बताते। इस संबंध में भाजपा का कहना है कि वर्ष 2009 के आम चुनाव से पहले भाजपा के लालकृष्ण आडवानी ने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे विदेशों में भारतीयों के जमा 25 लाख करोड़ रुपये की राशि स्वदेश लाएंगे। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने हाल ही में इस आंकड़े को दोहराया है। इधर ग्लोबल फाइनेंसियल इंटेग्रिटी ने वर्ष 2010 की अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया कि वर्ष 1947 से वर्ष 2008 तक भारत से 462 अरब डॉलर की राशि बतौर ब्लैक मनी बाहर भेजी गई है।

इन सबके अलावा एनआइपीएफपी ने जो आकड़े पेश किए हैं वह सबसे ठोस है। इस संस्‍थान ने वर्ष 1983-84 में एक आकड़ा पेश किया था। तब कहा गया था कि भारत में ब्लैक मनी का आकार 36,748 करोड़ रुपये का हो सकता है। उसके बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था 31 गुणा (वर्ष 2009-10 में 62,32,171 करोड़ रुपये) बढ़ चुकी है। अगर ब्लैक मनी में भी 31 गुणा वृद्धि हुई हो तो यह राशि 11,39,188 करोड़ रुपये होती है।

वैसे भारत में काले धन के बारे में सबसे पहले ठोस अनुमान लगाने का दावा वर्ष 1974-75 की वांछू समिति ने किया था। उसने कहा था कि देश में 7000 करोड़ रुपये का काला धन है जो तब देश की अर्थव्यवस्था का 16 फीसदी था। बाद में राजा चेलैया समिति ने अस्सी के दशक के शुरुआत में इसके 22 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया। अब सरकार ने एक साथ तीन संस्थानों को काले धन का आकार पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

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English summary
The government has commissioned a study to be undertaken by three top economic think tanks to estimate the extent of black money or unaccounted income generated both within and outside the country, a finance ministry statement said on Sunday. On Saturday, the government had appointed a high level committee of tax officials to suggest measures to tighten laws to curb the generation of black money.
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