लखनऊ स्टेशन पर रेल बजट रहा चर्चा का विषय
लखनऊ, 26 फरवरी (आईएएनएस)। रेल मंत्री ममता बनर्जी द्वारा लोकसभा में बजट 2011-12 पेश करने के अगले दिन शनिवार को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर मुसाफिर रेल बजट में हुई घोषणाओं और रियायतों पर आपस में चर्चा करते नजर आए।
अपने गंतव्य तक जाने के लिए स्टेशन पर रेलगाड़ी का इंतजार कर रहे यात्री हों या अपने रिश्तेदार या परिजन को लेकर आ रही रेलगाड़ी की राह देख रहे लोग या प्लेटफार्म के वेंडर या कुली, सभी की जुबां पर दीदी (ममता बनर्जी) का रेल बजट था।
एक इंटर कालेज में प्रवक्ता बी.एम.लाल श्रीवास्तव ने कहा, "हम परिजनों के साथ ग्वालियर जाने के लिए बरौनी-ग्वालियर एक्सप्रेस रेलगाड़ी की पिछले तीन घंटे से प्रतीक्षा कर रहे हैं। रेल मंत्री को नई रेलगाड़ियों की घोषणा करने से पहले रेलगाड़ियों को समय पर चलाने पर ध्यान देना चाहिए।"
प्लेटफार्म संख्या सात पर गंदगी के ढेर की तरफ इशारे करते हुए व्यवसायी दिनेश कुंदरा ने कहा कि कल (शुक्रवार) रेल मंत्री लोकसभा में यात्रियों की सुविधाएं देने के बड़े-बड़े वादे कर रही थीं। जनता को घोषणाएं और वादे नहीं, बल्कि बेहतर बुनियादी सुविधाएं चाहिए। स्टेशनों पर साफ-सफाई,स्वच्छ पेयजल और खाने की चीजों की व्यवस्था पर अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
एमबीए छात्र मनीष चौहान ने कहा कि रेल मंत्री ने छात्रों के लिए 'जन्मभूमि गौरव' नाम की नई रेलगाड़ियां चलाने की बात की है जो स्वागत योग्य कदम है, लेकिन आबादी के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को नए बजट में सिर्फ एक ही रेलगाड़ी मिली है जो नाकाफी है।
एक निजी कंपनी में कार्यरत दीपिका वाजपेयी कहती हैं कि स्टेशनों और रेलगाड़ियों में सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि यहां पर आपको स्टेशन के मुख्यद्वारों को छोड़कर प्लेटफार्मो एवं अन्य स्थानों पर सुरक्षा बल दिखाई नहीं देंगे, जबकि सभी प्लेटफार्मो पर सुरक्षा बलों की मुस्तैदी होनी चाहिए।
यात्री व माल भाड़ा न बढ़ाने के लिए सभी वर्ग के लोग ममता की सराहना कर रहे थे।
लखनऊ स्टेशन पर शनिवार को कुछ रेलगाड़ियों को छोड़कर जनता एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस और त्रिवेणी एक्सप्रेस जैसी ज्यादातर रेलगाड़ियां समय पर पहुंचीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।