लीबिया पर अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र सख्त, गद्दाफी जिद पर कायम (लीड-1)
इस बीच गद्दाफी के बेटे सैफ अल इस्लाम ने विपक्षियों को वार्ता का प्रस्ताव दिया है और देश के पूर्वी हिस्से पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने का संकल्प व्यक्त किया है। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह लीबिया में नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर मुमकिन कोशिश करे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक मून ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, "मेरा मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का पहला दायित्व लीबिया के नागरिकों की हर सम्भव सुरक्षा करना है।"
मून ने कहा, "अब समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद ठोस कार्रवाई के बारे में विचार करे। लीबिया से लगातार हिंसा और सुरक्षाबलों के बल प्रयोग की खबरें आ रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की यह जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में सामूहिक तौर पर, समय रहते हुए सुरक्षात्मक और ठोस कार्रवाई करे।"
मून सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने वाले हैं और उम्मीद है कि दोनों के बीच लीबिया के मसले पर भी बातचीत होगी।
उधर, इस्लाम गद्दाफी ने शुक्रवार को जारी किए गए बयान में समर्थकों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हमले किए जाने की बात से इंकार किया।
इस्लाम ने कहा, "हम आतंकवादियों से जूझ रहे हैं। सेना ने आतंकवादियों पर हमले नहीं करने का फैसला किया है और हम उन्हें वार्ता का अवसर दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह काम शांतिपूर्ण तरीके से होगा। हम आश्वासन देते हैं कि देश के पूर्वी शहरों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया जाएगा।" प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बेनघाजी शहर सहित देश के पूर्वी हिस्से के ज्यादातर शहरों पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है।
इस सबके बीच संयुक्त राष्ट्र में ब्राजील के राजदूत मारिया लुइजा रिबैरो वियोती ने कहा कि सुरक्षा परिषद रक्तपात रोकने के लिए शनिवार को लीबिया पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर सकती है। ब्राजील 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की मासिक अध्यक्षता कर रहा है।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक वियोती ने कहा कि परिषद एक प्रस्ताव पर विचार के लिए शनिवार को बैठक करने के लिए सहमत हुई है। उन्होंने कहा, "हिंसा समाप्त कराने, मौजूदा संकट का शांतिपूर्ण समाधान और लीबियाई जनता की इच्छा का सम्मान और जिम्मेदारी सुनिश्चित कराने के लिए स्पष्ट कदम उठाए जाएंगे।" इस बारे में फ्रांस के राजदूत गेरार्ड एराड ने कहा कि शनिवार दोपहर तक प्रतिबंधों के लिए प्रस्ताव स्वीकार किया जा सकता है। सुरक्षा परिषद के सदस्यों में इस मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं है।
उधर, मुअम्मार गद्दाफी शुक्रवार को त्रिपोली के ग्रीन चौक पर समर्थकों के बीच पहुंचे। समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक गद्दाफी ने कहा, "हम लीबिया की धरती पर ही जान देंगे। हम विदेशी प्रयासों को उसी तरह हराएंगे जैसे कि हमने इटली के साम्राज्यवाद को टक्कर दी थी।"
लीबिया के सरकारी टेलीविजन पर शुक्रवार को प्रसारित बयान में उन्होंने कहा, "यदि जरूरी हुआ तो हम किसी भी तरह की उत्तेजना को खत्म करेंगे।"
अमेरिका ने लीबिया में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के दमन के विरोध में लीबिया पर आर्थिक और सामरिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि लीबिया सरकार लगातार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
ओबामा ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रही गद्दाफी सरकार को जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।"
ओबामा ने कहा, "हम लीबियाई लोगों और उनकी वैश्विक अधिकारों की मांगों के साथ हैं और सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार है। लोगों के मानवीय गौरव को दरकिनार नहीं किया जा सकता।"
ओबामा ने सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव को लिखे एक पत्र में कहा कि विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन ने लीबिया को सभी रक्षा उपकरणों और सेवाओं की आपूर्ति के लाइसेंस और मंजूरियां स्थगित कर दी हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।