प्रधानमंत्री ने की मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने की घोषणा (लीड-1)
मनमोहन सिंह ने इस योजना की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "हमने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में हुई वृद्धि के आधार पर पारिश्रमिक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे मजदूरी 17 से 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।" इस कार्यक्रम में सोनिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
प्रधानमंत्री ने स्मृतियों को ताजा करते हुए कहा कि 2006 में जब यह योजना शुरू हुई थी तो एक श्रमिक की न्यूनतम दैनिक मजदूरी 65 रुपये थी। उन्होंने कहा, "अब न्यूनतम दैनिक मजदूरी 100 रुपये है, जो कि अपने आप में एक बड़ी बढ़ोतरी है।"
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया ने कहा कि इस योजना में व्याप्त खामियों पर मंथन करने और नई दिशाओं में बढ़ने का समय आ गया है।
गांधी ने कहा, "यह योजना ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार पैदा करने में बहुत सफल रही है, खासतौर से कमजोर वर्गो एवं महिलाओं के लिए। लेकिन इस योजना में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की भी शिकायतें हैं।"
गांधी ने कहा, "योजना के क्रियान्वयन में व्याप्त कमियों का विश्लेषण करने, नई दिशाओं की योजना बनाने और आगे बढ़ने का यह एक अवसर है।"
मनमोहन सिंह ने कहा कि मनरेगा के लाभार्थियों का एक बड़ा वर्ग अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं का है। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में समर्थ साबित हुई है।
सिंह ने कहा कि यह योजना, गरीबी मिटाने के महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने के लिए संप्रग सरकार का एक बड़ा कदम है।
मनरेगा और ग्रामीण विकास की अन्य योजनाओं के जमीन अधिकारियों को इस कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए गए। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री विलास राव देशमुख और केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (प्रदीप जैन, शिशिर अधिकारी और अगथा संगमा) भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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