डम्परकांड की अंतिम रिपोर्ट में शिवराज को क्लीन चिट!
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए मुसीबत बने डम्परकांड के सिलसिले में लोकायुक्त ने गुरुवार को अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में पेश की। रिपोर्ट में चौहान को क्लीन चिट दिए जाने के कयासों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने बयानबाजी तेज कर दी है।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री चौहान की पत्नी साधना सिंह के खिलाफ रमेश साहू द्वारा की गई शिकायत तथा भोपाल के विशेष न्यायालय के निर्देश पर नवम्बर 2007 में लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। शिवराज और उनकी पत्नी पर आरोप था कि उन्होंने रीवा में एक निर्माण कम्पनी में डम्पर लगाए हैं, जिसके लिए अपना ब्योरा गलत दिया था। दस्तावेजों में साधना सिंह का पति एस.आर. सिंह को बताया गया है।
लोकायुक्त ने इस मामले की विशेष न्यायालय के निर्देश पर जांच की। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने आईएएनएस को बताया कि गुरुवार को डम्पर कांड की अंतिम रिपोर्ट विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में पेश कर दी गई है।
सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में शिवराज सिंह और उनकी पत्नी साधना सिंह को दोषी नहीं माना गया है। साथ ही कोई प्रकरण न बनने की बात कही गई है। यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है और इस रिपोर्ट पर न्यायालय सुनवाई करेगा। उसके बाद ही वास्तविकता सामने आएगी।
सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया के जरिए मिली जानकारी के आधार पर कहा है कि लोकायुक्त की रिपोर्ट कांग्रेस के लिए करारा झटका है, क्योंकि कांग्रेस के आरोपों को लोकायुक्त ने भी नकार दिया है।
वहीं शिकायतकर्ता रमेश साहू ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि लोकायुक्त ने अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर दी है। उन्होंने कहा कि चर्चा है कि रिपोर्ट में शिवराज और साधना सिंह को क्लीन चिट दी गई है। उनका कहना है कि अगर चर्चा सही है तो उन्हें आशंका है कि रिपोर्ट न्यायालय तक पहुंचने से पहले ही लीक की गई है, क्योंकि यह रिपोर्ट लोकायुक्त ने तैयार की है और न्यायालय को दी गई है। रिपोर्ट उनके अधिवक्ता तक को देखने को नहीं मिली है।
लोकायुक्त की रिपोर्ट पर चर्चा के मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी ने कहा है कि रिपोर्ट को पढ़े बिना किसी तरह की राय जाहिर करना बेमानी है, फिर भी लोकायुक्त राज्य सरकार के अधीन हैं और उनसे मुख्यमंत्री के खिलाफ निष्पक्ष जांच की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि डम्पर मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए।
उल्लेखनीय है कि डम्पर मामला पिछले तीन वर्षो से कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री और भाजपा को घेरने का अहम मुद्दा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।