उत्तराखण्ड में सांस्कृतिक केंद्र बनेगा
देहरादून, 16 सितम्बर (आईएएनएस)। उत्तराखण्ड की राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा की अध्यक्षता तथा मुख्यमंत्री डा़ रमेश पोखरियाल 'निशंक' की उपस्थिति में राजभवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में साहित्य, कला, हस्तशिल्प एवं संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना का निर्णय लिया गया।
राजभवन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 9 नवम्बर को राज्य गठन के प्रथम दशक पूर्ण होने के अवसर पर इस सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया जाना प्रस्तावित है।
राज्यपाल ने कहा कि सांस्कृतिक रूप से अत्यंत समृद्ध उत्तराखण्ड की बहुआयामी सांस्कृतिक विरासत, कला को संरक्षित, संवर्धित करने तथा उसे दुनिया के कला प्रेमियों के सामने लाने के लिए एक ऐसे प्रदर्शन मंजूषा की स्थापना की आवश्यकता है जो पूरी तरह गैर राजनीतिक तथा धर्मनिरपेक्ष हो, जिसे नागरिक समिति के संयुक्त प्रयास से संचालित किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस सांस्कृतिक केंद्र को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य राज्य की कला, हस्तशिल्प, संस्कृति की अभिव्यक्ति के लिए समर्पित कलाकारों, हस्तशिल्पियों तथा कला प्रेमियों को उच्चस्तरीय मंच प्रदान करना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस क्रम में हिमालय म्यूजियम 'भारत दर्शन' की स्थापना के लिए प्रस्तावित कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
योजना को यथा शीघ्र मूर्त रूप देने के लिए राज्यपाल द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त डा़ आऱ एस़ टोलिया की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कार्य बल का गठन किया गया, जिसमें शांति वर्मा, डा़ वी़ क़े जोशी, प्रमुख सचिव राकेश शर्मा तथा ओएनजीसी के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।