हिजबुल आतंकवादी ने परिवार सहित आत्मसमर्पण किया
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुंछ के सूरनकोट इलाके के लियाकत ने शनिवार शाम नियंत्रण रेखा की गोतरियन चौकी पर भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया। उसने अपनी एके-47 राइफल और विस्फोटक भी सेना के सुपुर्द कर दिए।
लियाकत ने अपनी पत्नी खालिदा और तीन बच्चों के साथ सर्मपण किया। उसका कहना है कि सीमा के उस पार जीवन दिन-प्रतिदिन दुरूह होता जा रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से पहली बार वर्ष 2000 में लौटने के बाद उसने खालिदा से शादी की थी। सेना ने लियाकत और उसके परिजनों को पुलिस को सौंप दिया है।
पुलिस ने बताया कि लियाकत वर्ष 1999 में सीमा पार चला गया था और वर्ष 2000 में वह इधर लौटा । वह जम्मू एवं कश्मीर में दो साल तक रहा। इसके बाद वर्ष 2002 में वह फिर से अपनी पत्नी खालिदा के साथ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर चला गया था।
पुलिस सुत्रों के मुताबिक लियाकत ने खुलासा किया है कि सीमा के उस पार आंतकवादियों का जीवन दिनों-दिन जटिल होता जा रहा है। सूत्रों ने लियाकत के हवाले से बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी आतंकवादी शिविरों का नियमित दौरा करते हैं और आतंकवादियों को भारतीय सीमा के भीतर विध्वसंक गतिविधियों को अंजाम देने को उकसाते हैं।