उत्तर प्रदेश में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में शारदा नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया है। वैसे जिले में फिलहाल बाढ़ जैसे हालात पैदा नहीं हुए हैं।
जिले की पलिया तहसील में शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से छह सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। लखीमपुर खीरी के अपर जिलाधिकारी (वित्त) तुलसीराम ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि पिछले दो दिनों में बारिश होने से जलस्तर में वृद्धि हुई है। जलस्तर खतरे के निशान को जरूर पार कर गया है लेकिन हालात पूरी तरह से काबू में हैं और अभी बाढ़ जैसी स्थिति पैदा नहीं हुई है।
तुलसीराम ने कहा कि जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन के अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं। प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएएसी) को भी सतर्क कर दिया गया है।
घाघरा नदी भी ऊनाई
उधर, बहराइच में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के निकट पहुंच गया है। जिला आपदा अधिकारी वीरेंद्र पांडे ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि पिछले दो दिनों से जलस्तर लगातार घट रहा है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। जलस्तर घटने से रेवली-आदमपुर तटबंध पर कटान का खतरा भी कम हो गया है।
राज्य के कुछ स्थानों में बारिश होने से गंगा, यमुना और रामगंगा नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है, लेकिन फिलहाल कहीं पर भी जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर नहीं पहुंचा है। गंगा, यमुना व उसकी अन्य सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण उत्तराखण्ड में भारी बारिश होना है।
राज्य में मानसून दोबारा सक्रिय होने के बाद दूसरे दिन राज्य में विभिन्न स्थानों पर बारिश हुई। पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बस्ती, सीतापुर, मिर्जापुर, अलीगढ़, मेरठ, शाहजहांपुर, बिजनौर, फतेहपुर सहित कई जिलों में मंगलवार को सामान्य और तेज बारिश दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा 90 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान लखनऊ का अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आस-पास दर्ज किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।