क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

भोपाल गैस त्रासदी : अर्जुन ने मुंह खोला, राजीव को दी क्लीन चीट (राउंडअप इंट्रो-1)

By Neha Nautiyal
Google Oneindia News

राज्यसभा में बुधवार को इस मुद्दे पर बहस के दौरान अर्जुन सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी क्लीन चीट दी और उनकी भूमिका पर उठाए जा रहे सवालों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि गांधी ने किसी भी मौके पर एंडरसन के प्रति संवेदना नहीं दिखाई।

उन्होंने कहा, "उन्हें (राजीव गांधी) दोष देना उन लोगों की कल्पना है जो उनकी जैसी शख्सियत के खिलाफ कुछ भी सकारात्मक नहीं देख सकते। राजीवजी ने एंडरसन के समर्थन में मुझसे एक शब्द भी नहीं कहा।"

सिंह ने हालांकि यह जरूर कहा कि तत्कालीन सचिव ब्रह्म स्वरूप ने उन्हें सूचित किया था कि एंडरसन को जमानत देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से फोन आए थे।

उन्होंने कहा, "मैनें अधिकारियों को एंडरसन को गिरफ्तार करने का लिखित आदेश दिया था।"

सिंह ने एंडरसन को भोपाल से जाने देने के निर्णय का बचाव करते हुए कहा, "यह मेरी जिम्मेदारी थी कि उसे कोई शारीरिक चोट न पहुंचे। मैं जानता था कि यदि वह लोगों के हाथों में पड़ गया तो लोग उसे सबसे करीब के खंभे पर लटका देंगे।"

एंडरसन को जमानत मिलने के सरकारी विमान से भोपाल से दिल्ली भेजे जाने के बारे में अर्जुन ने कहा कि यह नहीं होना चाहिए था। "मैं मानता हूं कि उसे सरकारी विामन से नहीं भेजा जाना चाहिए था।"

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब नवम्बर महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलेंगे तो उन्हें एंडरसन के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर उससे बात करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, "आज हमारी सरकार उसके प्रत्यर्पण को प्रतिबद्ध है।"

सिंह ने कहा कि त्रासदी के बाद भोपाल पहुंचे एंडरसन का व्यवहार हेकड़ी भरा था। सिंह ने कहा, "किसी ने मुझे बताया कि एंडरसन भोपाल आ रहा है। मैंने उसकी इस धृष्टता की कल्पना भी नहीं की थी, वह जानता था कि उसकी फैक्ट्री के कारण इतनी बड़ी त्रासदी हुई है और वह भोपाल आ रहा था, आखिर क्यों? उसी समय मैनें निर्णय लिया कि विमान से उतरते ही एंडरसन को गिरफ्तार किया जाए। तब पुलिस अधीक्षक ने उसे हिरासत में ले लिया और उसके ही रेस्टहाउस में उसे हिरासत में रखा। पुलिस अधीक्षक को भी एंडरसन की इस बात से आश्चर्य हुआ जब उसने पूछा कि 'सीएम मुझे लेने क्यों नहीं आए?' इस बात से आप उसकी धृष्टता की कल्पना कर सकते हैं।"

सिंह ने कहा कि 6 दिसंबर 1984 को राजीव गांधी जब भोपाल के दौरे पर आए थे तो उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी।

सिंह ने कहा, "लेकिन राजीव जी ने इस्तीफा लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ित लोगों को राहत उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता है।"

लोकसभा में भोपाल गैस त्रासदी पर नियम 193 के तहत बहस की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा, "यह त्रासदी कोई सामान्य घटना नहीं थी। यह लापरवाही की पराकाष्ठा थी। यह लापरवाही प्रशासन की ओर से जानबूझकर पैसे के लालच में की गई।"

उन्होंने कहा, "इस त्रासदी से पहले कई बार पत्रकारों ने प्रशासन को चेताया था। परंतु सत्ता में बैठे लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। अधिकारी पैसा बनाने के लालच में थे और राजनेता सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लालच में थे। इन लोगों ने त्रासदी को होने दिया।"

नेता प्रतिपक्ष ने इस त्रासदी को 'सामूहिक हत्या' करार देते हुए कहा, "हिंदुस्तानियों की जान की कोई कीमत नहीं समझी गई और इस त्रासदी को होने दिया गया। यहां औद्योगिक लापरवाही बरतते हुए फैक्टरी (यूनियन काबाईड) को लगाने दिया गया जहां नियमों का उल्लंघन भी किया गया। यहां सुनियोजित ढंग से सामूहिक हत्या की गई।"

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन प्रमुख वॉरेन एंडरसन के देश से बाहर जाने या फिर उसका प्रत्यर्पण न हो पाने के लिए उनकी पार्टी की सरकार जिम्मेदार नहीं हैं।

तिवारी ने कहा, "नेता प्रतिपक्ष (सुषमा स्वराज) कह रही हैं कि केंद्र में कांग्रेस की सरकारें एंडरसन का प्रत्यर्पण न करा पाने के लिए जिम्मेदार हैं। मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा छह वर्षो तक सत्ता में रही लेकिन उसने इस बारे में कोई पहल क्यों नहीं की।"

लुधियाना से सांसद तिवारी ने वर्ष 1996 के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा, "न्यायालय के उस फैसले के बाद लगभग आठ वर्षो तक सरकार हमारी नहीं रही। भाजपा की सरकार चाहती तो इस बारे में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हमारी सरकार की ओर से इस बारे में सार्थक पहल की गई है।"

एंडरसन के देश से बाहर जाने के मसले पर उन्होंने कहा, "एंडरसन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसमें जमानत का प्रावधान होता है। ऐसे में एंडरसन छूट गया। इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उसे तथा अन्य दोषियों को कठोर सजा नहीं मिल सकी। किसी भी गैर कांग्रेसी सरकार ने इस फैसले को चुनौती नहीं दी।"

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सदन में कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के साथ हर जगह 'दगाबाजी' की गई। उन्होंने कहा कि हजारों पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है।

मुलायम ने कहा, "यह बहुत गंभीर मामला है। यह इंसानियत से जुड़ा है। इस त्रासदी में 25,000 लोग मारे गए। यह बहुत दुखद बात है कि भोपाल के हजारों पीड़ितों के साथ सबने हर जगह दगाबाजी की।"

गौरतलब है कि वर्ष 1984 में भोपाल की 'यूनियन कार्बाइड' की फैक्टरी से जहरीली गैस के रिसाव से हजारों लोग मारे गए थे। उस दौरान इस कंपनी का प्रमुख वॉरेन एंडरसन अमेरिका जाने में सफल रहा था।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X