पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में वृद्धि पर कोई फैसला नहीं (लीड-1)
बैठक से पहले पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा कि तेल कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए ईंधन के दाम बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। ईंधन की कीमतों में प्रति लीटर 3.5 रुपये तक की वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव था।
इस मसले पर मंत्रिमंडल की अगली बैठक में फैसला लिए जाने की संभावना है।
बैठक से पूर्व पत्रकारों ने जब देवड़ा से पूछा कि ऐसे समय में जब महंगाई सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत बढ़ाना उचित है तो उन्होंने कहा, "ऐसा करना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा, "हमें कुछ करना पड़ेगा", वरना तेल के कारोबार में लगीं तीनों प्रमुख कंपनियों को इस वर्ष 90, 000 करोड़ रुपये के घाटे से उबारना मुश्किल होगा। अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में वृद्धि के बावजूद ये कंपनियां ईंधन व रसोई गैस कम कीमत पर बेच रही हैं।
अधिकारियों ने कहा कि वित्त व पेट्रोलियम मंत्रालय दोनों यह मानते हैं कि ईंधन पर दी जा रही सब्सिडी को जारी रखना उपयुक्त नहीं है। ऐसे में मंत्रालय किरीट पारेख समिति की सिफारिशों को अमल में लाना चाहता है। समिति ने परिवहन ईंधन उत्पादों के मूल्यों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त रखने का सुझाव दिया है।
मंत्रिमंडल समूह में कृषि मंत्री शरद पवार, रसायन व उर्वरक मंत्री एम.के. अलागिरी, रेल मंत्री ममता बनर्जी, सड़क परिवहन मंत्री कमलनाथ व योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया शामिल हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।