आजाद ने मेडिकल बोर्ड को भ्रष्टाचार से आगाह किया
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कहा कि आजाद ने दो जून को संचालन परिषद के प्रमुख और प्रख्यात चिकित्सक एस.के. सरीन को लिखे पत्र में कहा, "बोर्ड आफ गर्वनर्स का फैसला स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भीक होना चाहिए।"
आजाद ने पिछले सप्ताह मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने भ्रष्ट गतिविधियों और बिचौलियों को तवज्जो देने पर कठोर कार्रवाई की बात कही थी।
सूत्रों ने बताया कि बोर्ड आफ गर्वनर्स को लिखे अपने पत्र में आज ने सदस्यों को दलालों के प्रति चेताया जो कि चिकित्सा परिषद के साथ ही मंत्रालय को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
आजाद ने अपने पत्र में कहा, "चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दलाल सक्रिय हैं। कुछ कालेजों के प्रबंधन अवैध तरीके से कालेज को मान्यता प्रदान कराने के लिए इन दलालों को प्रश्रय देते हैं। ये दलाल सरकार और चिकित्सा परिषद के नाम पर इच्छुक संस्थानों से धन ऐंठते हैं। इससे परिषद और सरकार की बदनामी होती है।"
आजाद ने कहा, "मैं नवगठित बोर्ड के सदस्यों को सावधान करना चाहूंगा कि वे चौकस रहें, सावधानी पूर्वक अपने कदम बढ़ाएं क्योंकि समूचा देश अपेक्षाओं के साथ आपको देख रहा है।"
भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष केतन देसाई के इस्तीफे के बाद मई में छह सदस्यीय बोर्ड का गठन किया गया था। देसाई को पंजाब में मेडिकल कालेज को मान्यता प्रदान करने के लिए दो करोड़ रुपये रिश्वत लेते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।
बोर्ड के अन्य सदस्यों में रंजीत राय चौधरी, गौतम सेन, देवी शेट्टी, आर.एल. सल्हण और सीता नाइक शामिल हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।