संविधान समिति की बैठक से नदारद रहे प्रचंड
इसकी वजह यह रही कि कि वह उत्तरी नेपाल में अपने परिवार और साथियों के साथ छुट्टियां बिता रहे थे।
यह बैठक नए संविधान के मसौदे के संदर्भ में बुलाई गई थी। इसमें 55 वर्षीय प्रचंड का न पहुंचना इसलिए भी चौंकाने वाली बात रही कि यह बैठक दो महीने से भी अधिक समय के बाद हो रही थी।
प्रंचड उत्तरी नेपाल के पर्वतीय इलाके सिंधुपलचौक में छुट्टियां बिताने पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी सीता, पुत्र प्रकाश और एक अन्य माओवादी नेता अग्नि प्रसाद सापकोता भी यहां पहुंचे। सापकोता भी संविधान समिति के सदस्य हैं।
संसद की कार्यवाही में प्रचंड की मौजूदगी पहले भी बेहद कम रही है। वह ज्यादतर सत्रों में संसद से नदारद रहे और इसकी वजह भी नहीं बताई। उनका यह रवैया उस समय देखने को मिल रहा है जब सत्ताधरी दल आरोप लगा रहा है कि नए जनसंविधान की माओवादियों को कोई परवाह नहीं है।
गौरतलब है कि नेपाल में नए संविधान को लिखने का काम वर्ष 2008 में आरंभ हुआ था और इसी साल 28 मई तक इसे पूरा करने का समय निर्धारित किया गया था। परंतु नेताओं की बेरुखी की वजह से यह संभव नहीं हो सका।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।