अदालती आदेश के बाद एयर इंडिया कर्मियों की हड़ताल खत्म (राउंडअप)
नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के समर्थन से एयर इंडिया के प्रबंधन ने कर्मचारियों को कड़ा संदेश देते हुए संघ के कम से कम 15 नेताओं को बर्खास्त कर दिया।
मैंगलोर में हुए विमान हादसे के बाद खराब सुरक्षा मानकों को लेकर उठाए जा रहे सवाल के बीच कर्मचारियों की ताजा हड़ताल से विमानन कंपनी की साख और खराब हुई है। विमानन कंपनी पहले ही भारी घाटे में चल रही है।
एयर कारपोरेशन इम्प्लाई यूनियन के सह सचिव आनंद प्रकाश ने कहा, "दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हमने अपनी हड़ताल वापस ले ली है।"
मुंबई में एक अन्य यूनियन के अधिकारी विवेक राव ने कहा, "हमने तुरंत अपनी सेवा शुरू करने का फैसला किया है।" हालांकि एयर इंडिया के चेयरमैन अरविंद जाधव ने कहा कि संचालन सामान्य बानने के लिए कंपनी शीघ्र ही सभी इंतजाम कर लेगी।
इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय विमानन कंपनी लिमिटेड ने दिल्ली और बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कर्मचारियों की हड़ताल की वैधता को चौनती दी थी और कर्मचारियों के खिलाफ आदेश जारी करने को कहा।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजीव शकधर ने न केवल हड़ताल पर रोक लगा दी बल्कि 31 मई से प्रस्तावि प्रदर्शन को 13 जुलाई तक के लिए स्थगित करने को कहा, जबकि बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस. जे. काठवाला और न्यायाधीश आर. जी. केतकर की अवकाशकालीन खंडपीठ ने विमानन कंपनी से कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए नोटिस जारी करने को कहा।
इससे पहले कर्मचारियों के खिलाफ प्रबंधन का समर्थन करते हुए उड्डयन मंत्री पटेल ने कहा, "हड़ताल अवैध है। कर्मचारियों के कुछ समूह गैरजिम्मेदारी पूर्ण व्यहार कर रहे हैं। इससे एयर इंडिया की वित्तीय हालत और छवि पर असर पड़ रहा है। कर्मचारी संगठन और कर्मचारी बातचीत के लिए आगे आएं।"
पटेल का यह बयान एयर इंडिया प्रबंधन और कर्मचारी संगठनों के बीच बातचीत के अधर में लटकने के कुछ मिनट बाद आया।
पटेल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सुबह इस मामले की पूरी जानकारी दी थी। सरकार ने एयर इंडिया प्रबंधन द्वारा हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का समर्थन करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, "एयर इंडिया प्रबंधन को हमारा पूरा समर्थन है। उन्हें संगठन चलाना है। मंत्रालय इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उसके पास पूरा प्रबंधन है और वह इस मामले में कार्रवाई कर सकता है।"
उन्होंने कहा, "प्रबंधन को समस्या से निपटने के लिए कोई भी कदम उठाने की आजादी है।"
इधर, हड़ताल का सबसे ज्यादा असर मुंबई और दिल्ली हवाईअड्डों पर देखा गया। यहां सैकड़ों मुसाफिरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। देश के अन्य शहरों में भी विमान सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में 24 और मुंबई में 37 उड़ानों को रद्द किया गया। इसके अलावा कोलकाता से सात उड़ानों को रद्द करना पड़ा है।
अधिकारी ने कहा, "दिल्ली से दुबई, मस्कट, अबू धाबी, बैंकॉक एवं देश के अन्य शहरों मुंबई, लेह, अहमदाबाद, पटना, श्रीनगर और हैदराबाद को जानी वाली कई उड़ानों को रद्द किया गया है।"
हांगकांग जाने की तैयारी में दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची शारदा गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, "मेरी उड़ान मंगलवार रात 11 बजे की थी और मैं आठ बजे ही पहुंच गई थी। मुझे हड़ताल के बारे में पता नहीं था। हवाईअड्डे के कर्मचारियों ने भी हमारा सहयोग नहीं किया। हमें उड़ान रद्द किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।"
एक अन्य यात्री सुनंदा कुमार को भी खासी दिक्कत हुई। उन्होंने कहा, "मुझे हड़ताल की जानकारी थी लेकिन उम्मीद थी कि उड़ान रद्द नहीं होगी। परंतु जब मैं हवाईअड्डे पर पहुंची तो बताया गया कि उड़ान रद्द हो चुकी है।"
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को एयर इंडिया के 15,000 से अधिक कर्मचारी वेतन मिलने में देरी और मीडिया से बात करने पर रोक लगाए जाने पर विरोध जताते हुए हड़ताल पर चले गए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।