बाजार से कपड़ा खरीद सकते हैं, रेल डिब्बा नहीं!
रेलगाड़ियों में डिब्बों की कमी के सवाल पर ममता ने कहा, "आप बाजार से कपड़ा खरीद सकते हैं, लेकिन रेल डिब्बा नहीं।"
रेलगाड़ियों में चिकित्सकों की तैनाती को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, "हम हर दिन 17,000 ट्रेन का संचालन करते हैं। लिहाजा हरेक गाड़ी में एक चिकित्सक की जरूरत होगी। चिकित्सक को एक नर्स और एक कंपाउंडर भी चाहिए। इसके लिए एक प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है।"
बनर्जी ने कहा, "इन सभी कामों के लिए धन कहां से आएगा। अगर हम किराये में 40 फीसदी की वृद्धि करते हैं तो इससे केवल 400 करोड़ रुपये ही इकठ्ठा हो पाएंगे। इसके उलट नक्सली हमले में रेलवे को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।"
रेल डिब्बों में आकस्मिक सेवाएं मुहैया कराने के बारे में उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "अगर हमें खाना चाहिए तो, हम खरीदते नहीं हैं। पहले योजनाएं बनाते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।