नलिनी ने इंग्लैंड और श्रीलंका फोन किए थे (लीड-1)
कानून मंत्री दुरई मुरुगन ने राज्य विधानसभा को बताया, "बरामद फोन के परीक्षण में पाया गया है कि 10 मिस्ड काल्स, आठ रिसीव्ड काल्स और 18 आउट गोइंग काल्स तथा कई सारे एसएमएस उसमें दर्ज हैं।"
मुरुगन ने कहा, "आठ काल इंग्लैंड किए गए थे और एक काल श्रीलंका किए गए थे।"
इसके अलावा इस फोन के जरिए तमिलनाडु में विभिन्न जगहों पर फोन किए गए थे। इस फोन का कनेक्शन कडपडी निवासी रवि के नाम है।
मुरुगन ने कहा कि यह मोबाइल फोन पिछले वर्ष 13 मार्च को सक्रिय हुआ था। उग्रवाद निरोधी गतिविधियों से निपटने वाली तमिलनाडु पुलिस की 'क्यू शाखा' इस मामले की जांच कर रही है।
मुरुगन ने कहा कि वेल्लोर महिला जेल के अधिकारी 20 अप्रैल को जब नियमित जांच कर रहे थे, उसी दौरान नलिनी ने जल्दबाजी में एक बैग फेंका, जिसमें मोबाइल फोन पाया गया।
जब एक अधिकारी ने फोन का परीक्षण करना शुरू किया तो नलिनी ने अधिकारी के हाथ से फोन छीन लिया और उसे पानी की एक बाल्टी में फेंक दिया और उस पानी को तत्काल एक शौचालय में उड़ेल दिया। लेकिन अधिकारियों ने शौचालय से फोन को फिर से हासिल कर लिया।
इस मामले में नलिनी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि किसी सजायाफ्ता व्यक्ति के पास मोबाइल फोन का पाया जाना एक आपराधिक मामला होता है।
इस मामले में नलिनी को वेल्लोर जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है, साथ ही उसे दिया गया कैदी का दर्जा 'ए' श्रेणी से घटाकर 'बी' श्रेणी का किया जा सकता है।
सहायक पुलिस महानिदेशक और कारावास महानिरीक्षक के.आर.श्यामसुंदर ने आईएएनएस से कहा, "हमें इस संबंध में फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद हम उचित कार्रवाई करेंगे।"
श्यामसुंदर ने कहा कि नलिनी की कोठरी से मोबाइल मिलने की घटना की जांच जारी है और वह अटकलों के आधार पर बयान नहीं देंगे।
वेल्लोर जेल प्रशासन ने नलिनी की कोठरी से बरामद मोबाइल और सिम कार्ड को जांच के लिए भेज दिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इससे कहां-कहां बात हुई थी। वैसे जेल प्रशासन ने बैटरी चार्जर बरामद नहीं किया है। कारावास विभाग की सतर्कता टीम मामले की जांच कर रही है।
यह घटना नलिनी के लिए एक झटका साबित हो सकती है। नलिनी अपनी उम्र कैद की सजा पूरी करने से पहले ही जेल से छूटना चाहती है। उसने तमिलनाडु सरकार से इस संबंध में अपील की थी लेकिन इसे अस्वीकृत कर दिया गया था। इसके बाद उसने मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।