रेलगाड़ी नियंत्रक 1 मई को आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे
अपनी कई लंबित मांगों की ओर रेल मंत्रालय का ध्यान आकर्षित करने के लिए संघ के सदस्यों ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस पर सोची-समझी रणनीति के तहत छुट्टी पर जाने का फैसला किया है।
संघ के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन मांगों में अनियमित भुगतान, खाली जगहों को भरने और तनाव भत्ते का भुगतान किया जाना प्रमुख है।
एआईटीसीए के महासचिव अनिल भद्रा ने कहा, "रेलगाड़ियों का परिचालन समय से होता रहे, इसलिए हम 365 दिन काम करते हैं। देश भर में रेलगाड़ी नियंत्रकों की संख्या 2600 है, जिसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। हर वर्ष रेलगाड़ियों की संख्या बढ़ती है और आज इनकी संख्या 16000 तक पहुंच चुकी है।"
चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर और रेलगाड़ियों से जुड़े सभी परिचालन अधिकारी रेलगाड़ी नियंत्रण विभाग के अंतर्गत काम करते हैं। भद्रा ने कहा कि हड़ताल से देश भर में 24 घंटे तक रेलगाड़ियों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।