दिन-रात के बीच मिट जाएगी अवधि संबंधी दूरियां
वैज्ञानिकों का मानना है कि इक्वीनॉक्स के जरिए उत्तरी गोलार्ध में गर्मियों का मौसम आता। इक्वीनॉक्स शब्द लैटिन भाषा के शब्द 'एक्वस (बराबर)' और 'नॉक्स (रात्रि)' से लिया गया है।
इस अवसर पर साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्यूनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) नाम की एक संस्था जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन करेगी, जिसके माध्यम से लोगों को इक्वीनॉक्स का मतलब समझाया जाएगा।
इस दिन वैज्ञानिक दिन और रात बराबर होने की स्थिति के दौरान पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की छाया की मदद से सूर्य के विभिन्न कोणों की गणना करेंगे।
दिल्ली में इक्वीनॉक्स की स्थिति को सुबह 10 बजे और रात 12.30 बजे के बीच देखा जा सकेगा।
'स्पेस' के अध्यक्ष सी.बी.देवगन ने बताया कि दिन और रात के बराबर होने के समय पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की छाया से खगोलविद पृथ्वी की स्थिति का पता लगाने की कोशिश करेंगे। खगोलविद् आसानी से उपकरणों के प्रयोग से छाया उत्पन्न कर सूर्य के कोणों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।