कंधमाल दंगों के 9 दोषियों को 4 साल की सजा
सरकारी वकील पी. के. पात्रा ने आईएएनएस से कहा, "दंगे में दोषी ठहराए गए नौ लोगों को चार साल के कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही प्रत्येक को 5,500 रुपये का जुर्माना भरने को भी कहा गया। हरुशी प्रधान नाम के व्यक्ति को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।"
फास्ट ट्रैक कोर्ट-द्वितीय के जज सी. आर. दास ने 25 अगस्त 2008 को सालेसरु गांव में बालुसन दिगाल समेत कुछ अन्य गांववालों के घर जलाने के मामले में यह फैसला दिया।
उल्लेखनीय है कि राजधानी से करीब 200 किलोमीटर दूर कंधमाल जिले में 23 अगस्त 2008 को विश्व हिंदू परिषद के नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार सहयोगियों की उनके आश्रम में ही हत्या कर दी गई थी। इसके बाद यहां दंगा भड़क उठा था।
स्वामी के समर्थक इसके लिए ईसाईयों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे जबकि पुलिस का कहना था कि इन हत्याओं के पीछे नक्सलियों का हाथ है।
दंगे से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए सरकार ने दो फास्ट ट्रैक न्यायालयों का गठन किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।