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माओवादियों ने आंदोलन तेज करने की धमकी दी (लीड-1)

By Staff
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काठमांडू, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)। सरकार के आग्रह को ठुकराते हुए माओवादियों ने अपनी तीन दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सोमवार को भी राष्ट्रव्यापी बंद जारी रखा।

साथ ही माओवादियों ने चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।

सत्ताधारी गठबंधन ने बाणेश्वर में स्थित विधानसभा भवन की सुरक्षा के लिए दंगा पुलिस की तैनाती कर रखी है। राजधानी काठमांडू का यह इलाका रविवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव का केंद्र रहा था।

इस बीच माओवादियों के उप प्रमुख बाबूराम भट्टराई ने विधानसभा भवन के सामने एक रैली को संबोधित किया। भट्टराई ने घोषणा की कि आंदोलन अपने तय कार्यक्रमानुसार मंगलवार तक जारी रहेगा।

पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान आंदोलन के समन्वयक भट्टाराई ने कहा कि यदि सत्ताधारी पार्टियों ने मंगलवार तक नागरिक वर्चस्व बहाल नहीं किया तो माओवादी पार्टी, मांग पूरी होने तक विरोध प्रदर्शन आयोजित करती रहेगी।

माओवादी, राष्ट्रपति राम बरन यादव द्वारा उठाए गए उस कदम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत उनकी आठ महीना पुरानी सरकार का पतन हो गया था।

इधर, दूसरे दिन के बंद के दौरान व्यापक हिंसा के बीच संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।

पुलिस ने बताया कि करीब 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया और सुरक्षाकर्मियों सहित करीब इतने ही लोग घायल हुए हैं। करीब एक दर्जन वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया और दुकानों और कारखानों को निशाना बनाया गया।

कोपेनहेगन में जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से रविवार को वापस लौटे प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल राजधानी के एक अस्पताल में भर्ती पुलिस उपाधीक्षक दिलइ चौधरी को देखने गए।

प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष में चौधरी गंभीर रूप से घायल हुए थे और एक आपातकालीन ऑपरेशन के बाद उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।

नेपाल में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार से जुड़े मामलों से संबद्ध शीर्ष अधिकारी रिचर्ड बेनेट ने एक प्रेस बयान में कहा, "मैं सभी समूहों से संयम बनाए रखने और वार्ता के माध्यम से तनाव दूर करने का आग्रह करता हूं।"

नेपाल में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रमुख बेनेट ने कहा कि राजा ज्ञानेंद्र के शासन के खिलाफ वर्ष 2006 में काठमांडू की सड़कों पर हुए प्रदर्शन के बाद से यह सबसे गंभीर हिंसा है।

संयुक्त राष्ट्र अधिकारी ने कहा कि इसे दोहराया नहीं जाना चाहिए। इस अपील के बावजूद तीन दिवसीय माओवादी हड़ताल के दूसरे दिन सोमवार को पूरे देश में तनाव बना हुआ है। माओवादियों ने आम हड़ताल खत्म करने और वार्ता में शामिल होने की प्रधानमंत्री की मांग को ठुकरा दिया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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