घास बदलेगी किसानों की किस्मत
सीमैप के प्रौद्योगिकी एवं व्यवसाय विकास विभाग के प्रमुख डॉ. ए.के.सिंह ने गुरुवार को बताया कि नींबू घास की नई प्रजाति 'सुवर्णा' बुंदेलखंड जैसे सूखाग्रस्त इलाकों के किसानों के लिए वरदान साबित होगी।
आय में वृद्धि
सिंह के मुताबिक आमतौर पर नींबू घास की प्रजातियां सिंचित क्षेत्रों में होती हैं लेकिन नई विकसित प्रजाति सूखा ग्रस्त इलाकों के लिए विकसित की गई है, जो किसानों की आय में वृद्धि कर उनके जीनव में खुशहाली लाएगी।
उल्लेखनीय है कि नींबू जैसी खुशबू आने के कारण लेमन घास को बोलचाल की भाषा में नींबू घास कहा जाता है। इसी सुगंध के कारण इससे निकलने वाले तरल पदार्थ (तेल) का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन सामग्री और पेय पदार्थो के निर्माण में भी किया जाता है।
सिंह ने बताया कि नींबू घास की नई उन्नत प्रजाति को एक हेक्टेयर में लगाने से साल में लगभग 200 किलोग्राम तेल निकलेगा, जिसका मूल्य बाजार में करीब 400 रुपये प्रति किलोग्राम है। यानी एक हेक्टेयर जमीन से अब किसानों को हर साल करीब 50-60,000 रुपये की कमाई होगी।
200 किलोग्राम तेल निकलेगा
अभी तक इस प्रजाति से एक हेक्टेयर में सौ से सवा सौ किलोग्राम तेल निकलता था, लेकिन उन्नत प्रजाति में उत्पादन मात्रा बढ़कर 200 किलोग्राम हो गई है। पांच साल की कड़ी मेहनत के बाद वैज्ञानिकों ने इस उन्नत प्रजाति को विकसित किया है। अभी इस प्रजाति की रोपण सामग्री को दो जिलों के किसानों को मुहैया कराई गई है।
सिंह ने बताया कि अभी लेमन ग्रास की रोपण सामग्री झांसी और बाराबंकी जिलों के किसानों को सीमित मात्रा में दी गई है। किसानों से प्रतिक्रिया के आधार पर इस नई प्रजाति में सुधार किया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।