अब 'विशिंग मशीन' कराएगी शोभराज की रिहाई!
काठमांडू, 23 नवंबर (आईएएनएस)। जिस तरह से शोभराज के वकीलों का दल शोभराज की रिहाई की मांग को लेकर नेपाल की शीर्ष अदालत और वैश्विक अधिकार एजेंसियों का चक्कर लगा रहा है, शोभराज को इस काम में सहयोग के लिए अब एक अवांक्षित सहयोगी मिल गया है।
काठमांडू, 23 नवंबर (आईएएनएस)। जिस तरह से शोभराज के वकीलों का दल शोभराज की रिहाई की मांग को लेकर नेपाल की शीर्ष अदालत और वैश्विक अधिकार एजेंसियों का चक्कर लगा रहा है, शोभराज को इस काम में सहयोग के लिए अब एक अवांक्षित सहयोगी मिल गया है।
दरअसल, यह एक 'विशिंग मशीन' है। इस मशीन के सामने ऐसे लोग शोभराज की रिहाई की कामना कर रहे हैं, जिन्होंने शोभराज को कभी देखा तक नहीं हैं।
अपनी उम्र से 44 वर्ष कम उम्र की एक नेपाली लड़की से जेल में शादी की चर्चित घटना के बाद अब शोभराज का नाम जर्मनी में एक कला प्रदर्शनी के दौरान चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, इसी महीने बर्लिन के मेहरिंगदाम 2 आर्ट गैलरी में आयोजित प्रदर्शनी मोमेंट्स में एक विशिंग मशीन प्रदर्शित की गई। यह मशीन एक अमेरिकी रचनाकार डेविड वूडार्ड ने एक अमेरिकी विज्ञान कथा लेखक स्व. जी हैरी स्टाइन के सिद्धांतों पर तैयार की है।
अपनी किताब 'बीयांड द फ्रंटियर्स ऑफ साइंस' में स्टाइन ने एक जादुई मशीन की कल्पना की है, जो इच्छाओं को साकार कर देती है।
इसी सिद्धांत से प्रेरित वूडार्ड ने तांबे की दो प्लेटों के साथ एक आडियो एम्लीफायर के जरिए अपनी विशिंग मशीन तैयार की। लोग इन प्लेटों के बीच अपनी इच्छाओं को शब्दों या चित्रों के रूप में व्यक्त करते हैं और जब तक इच्छाएं पूरी नहीं हो जाती यह मशीन चलती रहती है। वूडार्ड के अनुसार इच्छाएं आमतौर पर एक या दो हफ्ते के भीतर पूरी हो जाती हैं।
वूडार्ड हाल में काठमांडू गए थे और शोभराज की नई आत्मकथा लिखने की इच्छा के साथ उनसे मुलाकात की थी। उनके अनुसार वह चार्ल्स शोभराज की रिहाई के लिए विशिंग मशीन के पास गए और उसमें उन्होंने एक हस्तलिखित इच्छापत्र प्रेषित किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।