दिल्ली मेट्रो फ्लाईओवर हादसे में 2 मरे, जांच के आदेश (राउंडअप)
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में रविवार सुबह दिल्ली मेट्रो के एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा ढह जाने से दो लोगों की मौत हो गई और 30 घायल हो गए। हादसे के जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने घटना के संबंध में कहा, "यह एक अप्रत्याशित हादसा है और जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा। दिल्ली मेट्रो का रिकार्ड बहुत अच्छा रहा है और इस हादसे के कारणों का पता लगा लिया जाएगा।"
दूसरी ओर दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने कहा है कि वह दूसरे चरण में हो रहे सभी निर्माण कार्यो की समीक्षा करेगा।
डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने बताया कि दुर्घटना सुबह लगभग सात बजे हुई जब ओवरब्रिज के निर्माण में लगी एक लांचर मशीन नियंत्रण खो जाने से अचानक नीचे गिर गई। उसके साथ-साथ फ्लाईओवर का एक हिस्सा भी नीचे आ गिरा।
रूट नंबर 39 की एक ब्ल्यू लाइन बस, दिल्ली मेट्रो की एक क्रेन और कुछ कारें मलबे में दब गईं। दयाल ने बताया, "बस चालक सुरेंद्र पाल सिंह (28) और एएफसीओएनएस (मेट्रो फ्लाईओवर के इस खंड की प्रभारी निजी कंपनी) के एक कर्मचारी छोटेलाल (25) वर्ष की मौत हो गई। उन्हें बमुश्किल मलबे से बाहर निकाला जा सका।"
डीएमआरसी ने एक उच्च स्तरीय तकनीकी जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) नई दिल्ली, एक अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार और डीएमआरसी के मुख्य अभियंता शामिल हैं।
पुलिस ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है और 30 लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया जिनमें तीन की हालत गंभीर है।
दयाल ने बताया कि डीएमआरसी ने एएफसीओएनएस कार्यालय और वहां मौजूद सभी दस्तावेजों को सील कर दिया है। डीएमआरसी ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
दूसरी ओर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हादसे के लिए दिल्ली सरकार और मेट्रो को अपना निशाना बनाया। भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने हादसे की न्यायिक जांच की मांग की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।