बीजिंग ओलंपिक : स्वर्ण जीतने के बाद खालीपन महसूस कर रहे थे बिंद्रा
नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने के बाद निशानेबाज अभिनव बिंद्रा अंदर से खालीपन महसूस कर रहे थे। स्वदेश लौटने के बाद बिंद्रा ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी पूरी क्षमता झोंकते हुए ओलंपिक में स्वर्ण जीत तो लिया, लेकिन उसके बाद वे खालीपन की भावना से भर गए थे।
बिंद्रा ने संवाददाताओं से कहा, "मैं खालीपन से भर गया था। जब आप कोई लक्ष्य हासिल करने के लिए मेहनत करते हैं और उसे हासिल कर लेते हैं, तब एक तरह का खालीपन आप पर हावी हो जाता है। यह ठीक वैसा ही, जैसे आप माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का लक्ष्य लेकर चलते हैं और उसे नाप लेते हैं, इसके बाद आप सोचते हैं कि आपने वह सब हासिल कर लिया, जिसके लिए आप मेहनत कर रहे थे।"
बिंद्रा ने कहा कि एथेंस ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद पदक नहीं जीत पाने से वे काफी निराश हो गए थे।
उन्होंने कहा, "मैं बहुत उदास हो गया था। मैं पदक जीत सकता था, लेकिन तभी चोट मुझ पर हावी हो गई। इस चोट से उबरने में मुझे काफी वक्त लगा। चोट से उबरने के लिए मैंने साहस और इच्छाशक्ति की हदें पार की थीं। मेरे लिए वह स्वर्ण जीतने से बड़ी सफलता थी।"
कमर के निचले हिस्से में दर्द के कारण बिंद्रा लगभग एक वर्ष तक अपनी राइफल नहीं उठा सके थे। उन्होंने आशा जताई कि उनका यह प्रयास दूसरे खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा।
यह पूछे जाने पर कि पोडियम पर खड़े होकर देश का राष्ट्रगान सुनना कैसा लगा था? बिंद्रा ने कहा, "मैं यही सोच रहा था कि आखिर हमने इससे पहले स्वर्ण क्यों नहीं जीता।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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