'किशोरों को धूम्रपान के लिए प्रेरित करती हैं बहुराष्ट्रीय कंपनियां'
मनीला, 30 मई (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्युएचओ) द्वारा जारी एक व्यक्तव्य में कहा गया है कि तंबाकू कंपनियां धूम्रपान का इस तरह से मार्केटिंग करती हैं जिससे किशोर नशे की ओर आकर्षित हो सकें।
मनीला स्थित डब्ल्यूएचओ के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक शीगरु ओमी ने कहा कि बहुत सारी बहुराष्ट्रीय तंबाकू कंपनियों ने अपना ध्यान एशिया और प्रशांत क्षेत्र के करीब 50 करोड़ किशोरों को पर लगाया हुआ है जिससें किशोर कम उम्र में ही धूम्रपान की ओर आकर्षित होते दिख रहे हैं।
क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, "युवा सोचते हैं कि कुछ सिगरेटों में नशा (निकोटीन) नहीं होता लेकिन ऐसा नहीं होता है। सभी सिगरेटों में निकोटीन पाया जाता है।"
उन्होंने बताया कि तंबाकू कंपनियां युवाओं को फंसाने के लिए समाचार पत्र, पत्रिका, रेडियो, टेलीविजन, खेल और फैशन शो में धूम्रपान को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन देते हैं। इन सभी का युवाओं पर आश्चर्यजनक रूप से प्रभाव पड़ता है। कई बार तो चर्चित लोगों को धूम्रपान करते देख युवा नशे को शौकीया रूप से अपना लेते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों के नीति निर्धारकों से कहा है कि तंबाकू को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाएं।
डब्ल्यूएचओ ने युवाओं को भी कहा है कि वे विज्ञापनों को देखकर नशे की ओर आकर्षित न हो क्योंकि भविष्य में उन्हें धूम्रपान से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।