'ग्लाइकोल ईथर' के प्रयोग से घटती है पुरुषों की प्रजनन क्षमता
लंदन, 24 मई (आईएएनएस)। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पाया है कि चित्रकार, रंगाई-पोताई और सजावट का काम करने वाले पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि रंगों में ग्लाइकोल ईथर (रंगों में इस्तेमाल होने वाला एक रासायनिक तत्व) नामक तत्व होता है जिसके संपर्क में लगातार रहने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान 2,118 पुरुषों का चिकित्सकीय जांच किया। इसमें रंगाई और सजावट का काम करने वाले और दूसरे अन्य सामान्य पुरुष भी शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने पाया कि रंगाई का काम करने वाले पुरुषों की प्रजनन क्षमता को कम करने में ग्लाइकोल ईथर प्रमुख भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं ने पुरुषों की बदली जीवनशैली को भी प्रमुख कारण माना है। शोधकर्ताओं ने चिकित्सकीय जांच में पाया कि जिन पुरुषों ने अपने अंडकोशों की शल्य-चिकित्सा कराई थी उनके भी शुक्राणुओं की संख्या में कमी आई थी।
शोधकर्ता एंडी पोवे ने बताया, "हमने अध्ययन में देखा कि ग्लाइकोल ईथर के संपर्क में आने से पुरुषों में नपुंसकता बढ़ने की संभावना दूसरे पुरुषों से ढाई गुना अधिक रहती है। हालांकि पिछले दो दशकों में इसमें कुछ कमी जरूर आई है।"
उन्होंने कहा कि अध्ययन के निष्कर्षों से स्पष्ट होता है कि रंगाई-पोताई का काम पुरूषों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है इसलिए उन्हें ऐसे कामों के दौरान सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि वे इसके दुष्प्रभाव के बच सकें।
इस अध्ययन के निष्कर्ष जर्नल 'ऑक्युपेशनल एंवायरमेंटल मेडिसीन' में प्रकाशित हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।