मध्य प्रदेश में सजा से तय होगी कैदी की जेल
भोपाल, 9 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की जेलों में अब कैदियों को उनके अपराध पर मिली सजा के आधार पर रखा जाएगा। आजीवन कारावास के कैदियों की जगह अब सामान्य जेलोंे में नहीं बल्कि सेन्ट्रल जेल में होगी। यह प्रस्ताव जेल मैन्युअल में संशोधन के बाद किया गया है।
वर्तमान में मध्य प्रदेश में कुल 120 जेल हैं। इन जेलों की क्षमता साढ़े 20 हजार कैदियों को रखने की है, मगर इन जेलों में 32 हजार से अधिक कैदी हैं। कई जेल ऐसी हैं जहां नई बैरकों का निर्माण किया गया है और उनमें क्षमता से कम कैदी हैं। इसी को ध्यान में रखकर कैदियों को सजा के मुताबिक जेलों में रखने का प्रावधान किया गया है।
जेल मैन्युअल में किए गए संशोधन से उप जेलों में पांच वर्ष तक की सजा पाए कैदियों को रखा जाएगा। इसी तरह दस वर्ष तक की सजा पाने वाले कैदी जिला जेल में रखे जाएंगे। दस वर्ष से अधिक की सजा और आजीवन कारावास के कैदियों के लिए जगह सेन्ट्रल जेल में होगी। इस नई व्यवस्था पर 1 जून 2008 से पहले अमल कर लिया जाएगा।
जेल मैन्युअल में हुए संशोधन से प्रदेश की तमाम जेलों की तस्वीर ही बदल जाएगी। एक तरफ जहां कम कैदी होंगे वहां के खाली स्थान का उपयोग हो जाएगा, वहीं जिन जेलों में ज्यादा कैदी होने से समस्या बन रही हैं, उसका भी निदान हो सकेगा। वर्तमान में प्रदेश की सेन्ट्रल जेलों का तो यह आलम है कि वहां क्षमता से दो और तीन गुनी संख्या तक में कैदी हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।