अंतर्राष्ट्रीय आकाश में पंख पसार रही हैं भारतीय विमान सेवाएं
मुंबई, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। एक ओर जहां भारत आने वाले विदेशी यात्रियों की संख्या में सालाना 18 फीसदी की दर से इजाफा हो रहा है वहीं भारतीय विमानन सेवाएं भी कोड-शेयर (सहयोगी सेवा) समझौते के तहत विदेशी आकाश में अपने पंख पसार रही हैं।
मुंबई, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। एक ओर जहां भारत आने वाले विदेशी यात्रियों की संख्या में सालाना 18 फीसदी की दर से इजाफा हो रहा है वहीं भारतीय विमानन सेवाएं भी कोड-शेयर (सहयोगी सेवा) समझौते के तहत विदेशी आकाश में अपने पंख पसार रही हैं।
कोड-शेयर समझौते के अंतर्गत अलग-अलग देशों की दो विमान सेवाएं साझा सेवा उपलब्ध कराती हैं।
उदाहरण के लिए इसके माध्यम से कोई व्यक्ति मुंबई से सिंगापुर और सिंगापुर से सिडनी की यात्रा अलग-अलग विमान सेवाओं के माध्यम से एक ही टिकट पर कर सकता है।
इस तरह की सेवा के लिए भारत की जेट एयरवेज ने जापान की ऑल निप्पान एयरवेज से समझौता किया है जबकि किंगफिशर एयरवेज ने फ्लाई अमीरात, एयर फ्रांस, कांटिनेंटल और डेल्टा कंपनियों के साथ समझौता किया है।
भारत की सरकारी विमान सेवा एयर इंडिया पहले ही सिंगापुर एयरलाइंस, लुफ्थहंसा, एयर चाइना और यूनाइटेड एयरलाइंस के साथ ऐसे समझौते कर चुकी है।
जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी वोल्गैंग प्राक साअर ने आईएएनएस से कहा, "इसके द्वारा हम उन अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर भी अपनी उपस्थिति का एहसास करा सकते हैं जहां हमारी मौजूदगी नहीं है।"
एशिया-प्रशांत उड्डयन केंद्र के भारतीय उपमहाद्वीप और मध्यपूर्व के मुख्य कार्यकारी कपिल काबुल ने आईएएनएस से कहा, "इस समझौते से कंपनियां एक दूसरे के नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकती हैं जिससे उनके राजस्व में इजाफा होगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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