मोंटेकः पेट्रोलियम सब्सिडी पर लगाम जरुरी
नई दिल्ली, 9 नवंबरः. योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने आज आगाह किया कि पेट्रोलियम पदार्थो की छुपी सब्सिडी पर लगाम न लगाई गयी तो ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए संसाधनों की कमी पड़ सकती है और योजना के लक्ष्य गड़बड़ा सकते हैं.
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई योजना आयोग की पूर्ण बैठक में ग्यारहवीं योजना 2007-12 को मंजूरी दी गयी.प्रधानमंत्री ने भी बैठक में पेट्रोलियम, खाद्य और ऊर्वरक सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने पर बल दिया.बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ अहलुवालिया ने कहा कि नौ प्रतिशत वार्षिक आर्थिक वृद्धि होने पर सरकार की राजस्व वसूली अच्छी रहेगी पर सब्सिडी को यदि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृध्दि दर से अधिक बढ़ने दिया गया और गैर योजना खर्च भी बढ़ता रहा तो निर्धारित योजनाओं के लिए धन की कमी पड़ सकती है.
पेट्रोलियम सब्सिडी कम करने के लिए डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला योजना आयोग नहीं करता पर आयोग ने इस पर एक महत्वपूर्ण नीतिगत दृष्टिकोण तय किया है. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों के अनुरूप घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थो के दाम न बढ़ने से सरकारी तेल कंपनियों की हालत पस्त हो गयी है.
अहलुवालिया ने कहा कि कि योजना यह मान कर तय की गयी है कि विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर के आस-पास रहेगी जो आज 100 डॉलर के करीब पहुंच रहीं हैं. आयोग का अनुमान है कि 80 डॉलर प्रति बैरल से 25 प्रतिशत अधिक दाम होने पर चालू खाते के घाटे में एक प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी. इस घाटे को अन्य स्रोतों से पूरा किया जा सकता है पर इससे योजना व्यय पर प्रतिकूल प्रभाव होने का खतरा भी है.