.निरापद ऊर्जा विकास की तकनीकी का आदान प्रदान हो. प्रणव
नयी दिल्ली 15 अक्टूबर .वार्ता. विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने जलवायु परिवर्तन के खतरे के मद्देनजर निरापद ऊर्जा के विकास पर बल देते हुए कहा है कि विकसित और विकासशील देशों के बीच तकनीकी का आदान प्रदान होना चाहिये
श्री मुखर्जी ने आज यहां निरापद ऊर्जा के विकास पर केन्दि्रत एशिया प्रशांत क्षेत्र की दूसरी मंत्रीस्तरीय बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा कि विकासशील अभी भी ऊर्जा के परम्परागत स्रोतो पर ही निर्भर है1 आर्थिक संसाधनों के अभाव में ये देश निरापद ऊर्जा के विकास के लिए पर्याप्त अनुसंधान नहीं कर पा रहे हैं1 विकसित देशों की जिम्मेदारी है कि बौद्धिक सम्पदा नियमों के दायरे से ऊपर उठकर विकासशील देशों की मदद करें
इस बैठक में एशिया प्रशांत क्षेत्र के छह देश भाग ले रहे हैं1 सातवें सदस्य देश के रुप में कनाडा पहली बार इस बैठक में भाग ले रहा है
श्री मुखर्जी ने निरापद ऊर्जा के विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा देशवासियों का जीवन स्तर ऊंचा करने के लिए हमें आठ से दस प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी है1 इसके कारण भारत में ऊर्जा खपत भी बढेगी1 उन्होंने कहा कि ऊर्जा खपत में बढोत्तरी के साथ ही भारत का प्रयास है कि ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल हो और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखा जाये
उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग जलवायु परिवर्तन की समस्या के बारेे में एशिया प्रशांत सोदारी में सक्रिय सहयोग कर रहा है1 भारत में जैव ऊर्जा. सी एन जी और वायु ऊर्जा के विकास के लिए कोशिश की जा रही है
सुफल सत्या समरेन्द्र रामलला1736.वार्ता.