पायलट बेटी ने उड़ाई एयर होस्टेस मां की आखिरी फ्लाइट, सालों का सपना किया पूरा
सालों से एयर इंडिया में काम कर रहीं मुंबई की पूजा चिनचानकर का सपना तब पूरा हुआ जब उनकी आखिरी फ्लाइट उनकी बेटी ने उड़ाई। पूजा चिनचाकर 38 सालों से एयर इंडिया में बतौर एयर होस्टेस काम कर रही हैं। उनका हमेशा से सपना था कि एयर होस्टेस मेंबर के रूप में उनकी आखिरी फ्लाइट उनकी बेटि आश्रिता उड़ाए।
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मुंबई। सालों से एयर इंडिया में काम कर रहीं मुंबई की पूजा चिनचानकर का सपना तब पूरा हुआ जब उनकी आखिरी फ्लाइट उनकी बेटी ने उड़ाई। पूजा चिनचाकर 38 सालों से एयर इंडिया में बतौर एयर होस्टेस काम कर रही हैं। उनका हमेशा से सपना था कि एयर होस्टेस मेंबर के रूप में उनकी आखिरी फ्लाइट उनकी बेटि आश्रिता उड़ाए। उनका सालों का ये सपना मंगलार को जाकर पूरा हुआ।
38 साल की सेवा से मंगलवार को हुईं रिटायर
पूजा चिकनकार 38 सालों की सेवा के बाद मंगलवार को एयर इंडिया से रिटायर हुईं। उनका आखिरी दिन उनकी जिंदगी का सबसे खास दिन बन गया। मंगलवार को पूजा मुंबई से बेंगलुरू जा रही जिस फ्लाइट में एयर होस्टेस थीं, उस फ्लाइट को उनकी बेटी ही उड़ा रही थीं। आश्रिता मुंबई-बेंगलुरू-मुंबई फ्लाइट में को-पायलट थीं। बेंगलुरू में फ्लाइट लैंड करने से कुछ वक्त पहले आश्रिता ने अनाउंसमेंट कर फ्लाइटड में बठे यात्रियों को बताया कि ये उनकी मां की आखिरी फ्लाइट है।
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सालों बाद पूरा हुआ पूजा का सपना
आश्रिता ने यात्रियों को पूजा की 38 साल की सेवा और उनके पूरे होने जा रहे सपने के बारे में भी बताया। इसके बाद सभी ने पूजा चिनचानकर के लिए तालियां बजाई और उन्हें फूलों का एक गुलदस्ता भी दिया गया। पूजा का सालों ये सपना था कि उनकी रिटायरमेंट फ्लाइट बेटी आश्रिता उड़ाए। आश्रिता ने मां की रिटायरमेंट फ्लाइट की फोटो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'मेरी मां का सपना था कि एयर होस्टेस के तौर पर उनकी आखिरी फ्लाइट मैं उड़ाऊं। 38 साल की सेवा के बाद वो रिटायर हुईं, अब मैं उनकी विरासत को आगे ले जाउंगी।'
1980 से एयर इंडिया में काम कर रही हैं पूजा
अपनी मां के सपने को पूरा करने के लिए आश्रिता ने एयरलाइन मैनेजमेंट से अपनी मां की फ्लाइट में ड्यूटी लगाने की गुजारिश की थी। आश्रिता ने उन सभी लोगों का धन्यबाद किया है जिनके कारण वो ये सपना पूरा कर पाईं। पूजा चिनचानकर ने 1980 में बतौर एयरहोस्टेस एयर इंडिया ज्वाइन किया था। वहीं उनकी बेटी 2016 में बतौर पायलट इस एयरलाइंस से जुड़ी। एचटी से बातचीत में पूजा चिनचानकर ने बताया कि आश्रिता मास मीडिया स्टूडेंट थीं, लेकिन अब वो एक पायलट हैं।
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प्राइवेट कंपनियों को छोड़ आश्रिता ने एयर इंडिया को चुना
पूजा ने कहा, 'मैंने एक दिन ऐसी ही उससे फ्लाइंग को लेकर पूछा तो वो कोर्स ज्वाइन करने के लिए राजी हो गई। मैं हमेशा से उसे पायलट बनते देखना चाहती थी। इस प्रोफेशन में काफी कम महिलाएं हैं।' पूजा ने बताया कि कनाडा से पायलट का लाइसेंस लेने के बाद उन्हें कई प्राइवेट एयरलाइंस से ऑफर आए, लेकिन आश्रिता ने एयर इंडिया को चुना।