UP: संस्कृत माध्यमिक कॉलेजों में टीचर भर्ती प्रक्रिया में अहम बदलाव, होगी लिखित परीक्षा
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के संस्कृत माध्यमिक कॉलेजों में अब टीचरों की भर्ती लिखित परीक्षा के जरिए ही होगी। संस्कृत का टीचर बनने के लिए अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा पास करनी होगी और उसके बाद बनने वाली मेरिट के अनुसार उनका चयन किया जाएगा। दरअसल चयन में पारदर्शिता व योग्यता के लिए सरकार लगातार सभी भर्तियों में लिखित परीक्षा का प्रावधान कर रही है। पिछले दिनों ही टीचर वैकेंसी में लिखित परीक्षा का अनिवार्य प्रावधान लागू किया गया है। उसी कड़ी में अब संस्कृत माध्यमिक कॉलेजों को भी जोड़ दिया गया है।
जल्द
आयेगी
वैकेंसी
प्रदेश
के
संस्कृत
माध्यमिक
कॉलेजों
में
संस्कृत
टीचरों
की
आवश्यकता
है
और
सरकार
टीचर
की
कमी
पूरी
करने
के
लिए
जल्द
ही
वैकेंसी
की
घोषणा
करेगी।
संस्कृत
माध्यमिक
कॉलेजों
में
टीचर
भर्ती
का
जिम्मा
माध्यमिक
शिक्षा
सेवा
चयन
बोर्ड
के
जरिए
होगा
और
यह
भी
एक
तरह
का
नया
बदलाव
लागू
किया
जा
रहा
है।
दरअसल
अभी
तक
संस्कृत
माध्यमिक
कॉलेजों
में
टीचरों
की
भर्ती
जिला
विद्यालय
निरीक्षक
और
मंडलीय
संयुक्त
शिक्षा
निदेशक
माध्यमिक
द्वारा
की
जाती
थी,
लेकिन
सरकार
ने
पारदर्शिता
के
लिये
यह
जिम्मेदारी
माध्यमिक
शिक्षा
सेवा
चयन
बोर्ड
को
दे
दी
है।
फिलहाल
सरकार
ने
जिला
विद्यालय
निरीक्षक
को
अविलंब
रिक्त
पदों
का
ब्यौरा
चयन
बोर्ड
को
देने
को
कहा
है
ताकि
भर्तियों
के
खुले
पिटारे
के
बीच
लगे
हाथ
यह
भर्ती
भी
निपटा
दी
जाये।
शैक्षणिक
मेरिट
पर
अब
नौकरी
नहीं
हाईकोर्ट
के
आदेश
पर
यूपी
में
पुलिस
की
एक
पुरानी
वैकेंसी
भले
ही
शैक्षणिक
मेरिट
पर
होने
जा
रही
है,
लेकिन
इसके
अलावा
अब
सूबे
में
शैक्षणिक
मेरिट
पर
भर्ती
की
गुंजाइश
नहीं
होगी
क्योंकि
इससे
पारदर्शिता
और
गुणवत्ता
दोनों
प्रभावित
होती
है।
ऐसे
में
सरकार
अब
सभी
भर्तियां
लिखित
परीक्षा
के
जरिए
ही
करायेगी।
फिलहाल
अभी
तक
उत्तर
प्रदेश
माध्यमिक
शिक्षा
परिषद
की
ओर
से
संचालित
सहायता
प्राप्त
प्रथमा,
पूर्व
मध्यमा
और
उत्तर
मध्यमा
पाठशालाओं
के
प्रधानाध्यापक
व
अन्य
अध्यापक
बनने
के
लिए
शैक्षणिक
मेरिट
और
साक्षात्कार
ही
आधार
था,
लेकिन
अब
इसे
खत्म
कर
दिया
गया
है
और
लिखित
परीक्षा
के
जरिए
ही
अब
भर्ती
होगी।
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