9/11 के बाद सुरक्षित खड़ा हुआ 'सुपर पावर', फिर नहीं लौटा वो खौफनाक मंगलवार
नयी दिल्ली। उस खौफनाक मंगलवार को कोई याद नहीं करना चाहता। 2001 का वो मंगलवार दुनिया के सुपर पावर अमेरिका के लिए काला दिन था। 11 सितंबर का दिन दुनिया में सबसे बड़ी आंतकी घटना के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। अमेरिका पर फतह पाने के लिए और उसे आगाह करने के लिए अलकायदा ने अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर आतंकी हमला किया गया था। अलकायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन दुनिया को दिखाना चाहता था कि दुनिया में अगर कोई पावरफुल है तो वो सिर्फ और सिर्फ अलकायदा है, लेकिन उसे सुपर पावर के गिरेबान पर हाथ डालने की सजा भी मिल गई। मई 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के घर में धुसकर उसका खात्मा कर अमेरिका ने हजारों अमेरिकी और विदेशी नागरिकों की मौत का बदला ले लिया था।
अमेरिका सहित पूरी दुनिया को झकझोर देने वाले इस हमले की आज 12वीं बरसी है। हर साल इस दिन को लोग याद करते है और सिहर जाते है। मंगलवार के दिन 09 सितंबर 2001 को 9 अलकायदा के आतंकियों ने चार कॉमर्शियल प्लेन को हाइजैक कर लिया और उनमें से दो विमानों को न्यूयार्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टि्वन्स टावर से टकरा दिया और तीसरे विमान को वाशिंगटन के पेंटागन दिया। इन विमानों में मौजूद सभी यात्रिओं के साथ ही इमारतों में मौजूद सभी लोगों की मौत हो गई। इस हमले में करीब 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। हमले को आज 12 साल पूरे हो रहे हैं।
एक वो दिन ता और एक आज का दिन है। इन 12 सालों में 9/11 हमले के बाद से अमेरिका में कोई आंतकी वारदात नहीं हुई। अमेरिकी सरकार ने अपनी कड़ी सुरक्षा नीतियों के कारण आंतकी वारदातों पर लगाम लगा दिया। 9/11 के बाद अमेरिका ने अपनी सुरक्षा नीतियों में कड़े बदलाव किए। अमेरिका आने वाले पर्यटकों पर कड़ी नज़र रखी जाने लगी और कई देशों को दिए जाने वाले वीजा में बारी कटौती की गई। इनके अलावा भी कई तरीके हैं, जिनके जरिए अमेरिका ने अपने देश में दुबारा किसी आतंकवादी घटना को नहीं होने दिया।
अमरीका का अभेध सुरक्षा कवच..
9/11 हमले के बाद अमरीका सरकार ने अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया ताकि दोबारा से अमरीका में इस तरह का हमला ना हो सके। आंतरिक सुरक्षा के लिए बजट को बढ़ा दिया गया। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यूरिटी की शुरूआत की गई जो कि सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां से संपर्क बनाकर देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखती है।
आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ अमेरिका ने एविएशन एंड ट्रांसपोर्टेशन सिक्यूरिटी बिल पास किया। जिसके बाद अमेरिका आने वाले लोगों की गहन जांच और पूछताछ की व्यवस्था की गई। बिल से पहले एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों की पास थी। अमेरिकी सरकार ने स्टेट सरकार, इमिग्रेशन डिपार्टमेंट और इससे जुड़े बाकी के विभागों को हर एक व्यक्ति की जानकारी एक दूसरे से शेयर करने का आदेश दिया ताकि पूरे सिस्टम में पार्दर्शिता आ सके।
पाकिस्तानियों पर पैनी नजर
9/11 हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने फैसला किया कि विदेशियों को कम वीजा दिए जाएं। इसके तहत सबसे कम वीजा पाकिस्तान के नागरिकों को दिए गए। हमले के बाद अमरीका जाने वाले पाकिस्तानियों में से 70 फीसद को यात्री वीजा नहीं दिया गया और 40 फीसद पाकिस्तानियों को इमिग्रांट वीजा नहीं दिया गया।
फिर नहीं लौटा वो खौफनाक मंगलवार
11 सितंबर, 2001 सुबह 8 बजकर 45 मिनट का दिन अमरीका इतिहास में गहरे जख्म के तौर पर दर्ज है, लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि कैसे सुपर पावर की सुरक्षा में सेंध लगी।
हमले की भयानक तस्वीर
9/11 के इस हमले में 90 से अधिक देशों के 3 हजार से अघिक लोग मौत की नींद सो गए। हमले के वक्त वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में लगभग17,400 लोग मौजूद थे।
अलकायदा ने की हिमाकत
अमेरिका पर ताकत दिखाने के लिेए अलकायदा के 19 आतंककारियों ने इस वारदात को अंजाम किया। आतंकियों ने चार कॉमर्शियल प्लेन को हाइजैक कर इस वारदात को अंजाम दिया।
अमरीका का अभेध सुरक्षा कवच..
9/11 हमले के बाद अमरीका सरकार ने अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया ताकि दोबारा से अमरीका में इस तरह का हमला ना हो सके।
9/11 के बाद सुरक्षित खड़ा 'सुपर पावर'
11 सितंबर, 2001 की सुबह 8 बजकर 45 मिनट के लगभग अलकायदा के आतंकवादियों ने वर्ड ट्रेड सेंटर पर हवाई हमला किया और एक साथ 3 हजार लोगों की मौत और 6 हजार लोग जीवन भर का जख्म दे दिया।
खात्मे की कगार पर अफगानिस्तान
वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर पर हमला का जिम्मा अलकायदा ने उठाया और अलकायदा ने अपना गढ़ अफगानिस्तान को बना रखा था। अलकायदा से नाराज अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला करके उसे खात्मे के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
अमरीका का अभेध सुरक्षा कवच..
9/11 हमले के बाद अमरीका सरकार ने अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया ताकि दोबारा से अमरीका में इस तरह का हमला ना हो सके।
फिर खड़ा हुआ सुपर पावर
9/11 हमले के एक साल के भीतर पेंटागन को फिर से खड़ा कर दिया गया। इसकी दो इमारतें बनाई गई। टॉवर-7 2006 में बनकर तैयार हुआ और दूसरी इमारत की जगह 541 मीटर ऊंचाई की बिल्डिंग बन रही है।
सुपर पावर का पावर
12 साल बाद अमेरिका पर ना 9/11 दोहराया गया और न कोई और तारीख हमले के नाम दर्ज हुई। अपनी कड़ी सुरक्षा नीतियों से अमेरिका ने दुनिया के सामने मिशाल कायम की।
अलकायदा का मिटाया नामोनिशान
9/11 के आरोपी अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को उसके घर में घुसकर अमेरिका ने मार गिराया।
लादेन का अंत, ओबामा का संदेश
1979 में बनें अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन ने जिहाद के नाम पर पाकिस्तान में बैठकर दूसरे देशों में आतंकवाद को फैलाने का काम किया। 9/11 हमले की साजिश रचकर उसने अमेरिका को दहलाने की कोशिश की, लेकिन मई 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन का खात्मा कर अमेरिका ने हजारों अमेरिकी और विदेशी नागरिकों की मौत का बदला ले लिया था।
पाकिस्तानियों पर पैनी नजर
9/11 हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने फैसला किया कि विदेशियों को कम वीजा दिए जाएं। इसके तहत सबसे कम वीजा पाकिस्तान के नागरिकों को दिए गए।
दुनिया को दिया कड़ा संदेश
12 सालों में 9/11 हमले के बाद से अमेरिका में कोई आंतकी वारदात नहीं हुई। अमेरिकी सरकार ने अपनी कड़ी सुरक्षा नीतियों के कारण आंतकी वारदातों पर लगाम लगा दिया।
9/11 की वो दर्द भरी दास्तां
9/11 के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हुए हमले में तकीब 3000 हजार लोग मारे गए तबकि 6000 से ज्यादा लोग घायल।