YAM Chaturdashi 2018: मुख्य द्वार पर जरूर जलाएं आज तेल का दीपक
नई दिल्ली। आज छोटी दिवाली है, इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। लोग इस दिन अपने घर के सभी बेकार चीजों और कबाड़ को घर से बाहर निकालते हैं और अपने घर को साफ करते हैं। आज के दिन को नरक चतुर्दशी के भी नाम से जाना जाता है। दरअसल नरक का अर्थ है गंदगी, जिसे साफ करना बहुत जरूरी होता है। शास्त्रों के अनुसार जहां स्वच्छता और पवित्रता होती है, वहीं माता लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए लोग घरों की सफाई करते हैं। नइस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस चतुर्दशी का नाम नरक चतुर्दशी पड़ा।
दीपदान करें....
नर्क चतुर्दशी को मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और उनके लिए 14 दीपों का दान किया जाता है। यहां दीपों का दान करने से तात्पर्य है किसी पवित्र नदी या तालाब में दीप जलाकर छोड़ना। शास्त्रों का मत है कि नर्क चतुर्दशी के दिन दीपों का दान करने से व्यक्ति पर अकाल मृत्यु का संकट टल जाता है और उसे व उसके परिवार को आयु और आयोग्य प्राप्त होता है। इसलिए आज अपने घर के मुख्य द्वार पर एक दीप जरूर जलाएं, मिलेगा अचूक लाभ।
दिवाली में कहां-कहां जलाएं दीपक
सबसे पहले एक बड़ा सा दिया आप मां लक्ष्मी की तस्वीर के सामने घी का जलाएं। उसके बाद घर को तेल के दीपक से सजाएं। आप अपने घर के मेनडोर के दोनों ओर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। घर के आंगन में घी का दीपक रखना चाहिए। हमारे घर के आस-पास वाले चौराहे पर भी दीपक जलाकर रखना चाहिए। ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है। घर के आस-पास यदि कोई मंदिर है तो वहां पर भी दीपक जलाना चाहिए। दीपावली की रात्रि पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
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