Solar Eclipse 2021: 148 साल बाद शनि जयंती पर लग रहा है 'सूर्य ग्रहण', जानिए क्या होगा असर?
नई दिल्ली, 09 जून। साल 2021 का पहला 'सूर्य ग्रहण' गुरुवार यानी 10 जून को लगने जा रहा है। इस दिन 'शनि जयंती' भी है। आपको बता दें कि पूरे 148 बरस के बाद शनि जयंती पर ग्रहण लग रहा है, यही नहीं कल अखंड सौभाग्य का व्रत 'वट सावित्री पूजा' भी है। गौरतलब है कि 26 मई 1873 को शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण लगा था।
जंयती के दिन ग्रहण का लगना शुभ नहीं...
वैसे आमतौर पर धार्मिक दृष्टि से जंयती के दिन ग्रहण का लगना शुभ नहीं माना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि इस तरह की घटनाएं होने पर देश में प्राकृतिक आपदाएं आती हैं लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि ये ग्रहण भारत में पूर्ण या आंशिक रूप से प्रभावी ना होने की वजह से ज्योतिषियोंकी चिंता थोड़ी कम हो गई है।
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ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 10 जून को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होकर शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 59 मिनट रहेगी।
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शनि जंयती
ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन शनिदेव की जयंती होती है। शनिदेन न्याय के देवता माने जाते हैं। इस दिन मन से उनकी पूजा करने पर जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैया, महादशा, अंतर्दशा चल रही होती है उन्हें कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत के दिन पूरे उत्तर भारत में सुहागिनें 16 श्रृंगार करके बरगद के पेड़ के चारों ओर फेरे लगाकर अपने पति के दीर्घायु होने की प्रार्थना करती हैं। प्यार, श्रद्धा और समर्पण का यह व्रत सच्चे और पवित्र प्रेम की कहानी कहता है। आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां सावित्री ने यमराज के फंदे से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी।
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
उत्तरी अमेरिका , यूरोप, एशिया, आर्कटिक, अटलांटिक में आंशिक रूप से जबकि उत्तरी कनाड़ा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा जबकि भारत के अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में आंशिक तौर पर दिखाई देगा।