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नवरत्न की अंगूठी बनवाने से पहले इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो नहीं मिलेगा लाभ

By Pt. Gajendra Sharma
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Read some important things about Navratna Rings: वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह से संबंधित एक रत्न और उसके अनेक उपरत्नों की मान्यता है। ये रत्न तब धारण करवाए जाते हैं जब कोई रत्न जातक की जन्मकुंडली में खराब अवस्था में बैठा हुआ है या उसका शुभ प्रभाव नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा नवरत्नों की अंगूठी और पेंडेंट पहनने का चलन भी आजकल कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। नवरत्न की अंगूठी या पेंडेंट को आजकल युवतियां और स्ति्रयां फैशन ज्वेलरी के तौर पर भी पहनने लगी हैं। लेकिन इसे मात्र फैशन मानने की भूल नहीं करना चाहिए। असली नवरत्न धारण कर रहे हैं तो जरूरी है किग्रहों के रत्न सही क्रम में, सही दिशा में जड़े हुए हों। वरना वे अपना उल्टा प्रभाव भी दिखा सकते हैं।

नवरत्न की अंगूठी बनवाते समय इन बातों का रखें ख्याल

यदि आप ज्योतिषीय उपायों के लिए नवरत्न की अंगूठी, पेंडेंट या ब्रेसलेट पहन रहे हैं तो आपके लिए कुछ नियम जान लेना अत्यंत आवश्यक होगा। मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ में इसके लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

वज्रं शुक्रेब्जे सुमुक्ता प्रवालं भौमेगो गोमेदमार्को सुनीलम् ।
केतौ वैदरूय गुरौ पुष्पकं ज्ञे पाचि: प्राड्माणिक्यमर्के तु मध्ये ।।

कौन सी धातु में बनवाएं

सबसे पहली बात आपको नवरत्न स्वर्ण में जड़वाने का प्रयास ही करना चाहिए, स्वर्ण में बनवाने की क्षमता न हो तो चांदी में या चांदी में भी जड़वाने की क्षमता न हो तो अष्टधातु में रत्नों को जड़वाया जा सकता है, लेकिन उसका शीघ्र और सर्वाधिक प्रभाव स्वर्ण धातु में ही प्राप्त होता है।

ग्रह रत्नों का क्रम

धातु का चयन कर लेने के बाद नवरत्नों के क्रम का विशेष ध्यान रखना होता है। अंगूठी या पेंडेंट में रत्न जड़ने के स्थान पर रत्नों के लिए 9 कोष्ठों का सुंदर कोणों वाला चतुरस्त्र या अष्टदल कमल आदि के आकार का किसी बुद्धिमान शिल्पकला में निपुण स्वर्णकार से बनवाना चाहिए। इसमें शुक्र की प्रसन्नता के लिए पूर्वी भाग में हीरा, चंद्र के लिए आग्नेय कोण में मोती, मंगल के लिए दक्षिण में मूंगा, राहु के लिए नैऋ त्य में गोमेद, शनि के लिए पश्चिम में सुंदर नीलम, केतु की प्रसन्नता के लिए वायव्य में वैदूर्य, गुरु के लिए उत्तर में पुखराज, बुध के लिए ईशान में पन्ना और सूर्य के लिए मध्य में माणिक्य जड़वाएं। इसके बाद रत्नों की प्राणप्रतिष्ठा करके धारण करना चाहिए।

यह पढ़ें: Naming Ceremony: बच्चे का नामकरण कब करें, कैसे होते हैं शुभ और अशुभ नाम?यह पढ़ें: Naming Ceremony: बच्चे का नामकरण कब करें, कैसे होते हैं शुभ और अशुभ नाम?

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English summary
Navratna gemstones are considered auspicious and believed to give good health, prosperity, happiness and peace of mind to those who wear it.here is some important things about it.
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