ज्योतिष में भी हैं डायबिटीज से बचने के उपाय, अपनाएं और स्वस्थ रहें
नई दिल्ली, 19 नवंबर। आजकल डायबिटीज अर्थात् मधुमेह लगभग हर घर का रोग बन गया है। पहले यह रोग केवल अनुवांशिक होता था, लेकिन अब बिगड़ती जीवनशैली के कारण बड़ों-बच्चों सभी को डायबिटीज होने लगी है। डायबिटीज का मुख्य कारण अनियंत्रित खानपान, काम का दबाव, तनाव, अत्यधिक फास्टफूड का सेवन जैसे अनेक कारण होते हैं। इस रोग को दूर तो नहीं किया जा सकता लेकिन दवाओं और जीवनशैली में सुधार करके इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता है। शरीर में जब इंसुलिन की मात्रा कम होने लगती है या अनियंत्रित हो जाती है तो डायबिटीज होती है।
लंबे समय तक इस रोग का पता ही नहीं चलता। इसका सबसे प्रमुख लक्षण है घाव का लंबे समय तक ठीक न होना। आजकल चिकित्सक सुझाव देते हैं किएक स्वस्थ व्यक्ति को भी 30 की आयु के बाद वर्ष में कम से कम एक बार डायबिटीज की जांच करवा लेनी चाहिए। खासकर उन लोगों को तो जरूर करवानी चाहिए जिनके परिवार में माता-पिता को डायबिटीज हो।
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ज्योतिष की नजर में डायबिटीज
- ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो जब जातक की जन्मकुंडली में कर्क, वृश्चिक या मीन राशि में दो या दो से अधिक पाप ग्रह बैठे हों तो डायबिटीज होने की आशंका प्रबल रहती है।
- बृहस्पति यदि लग्नेश के साथ छठे भाव में हो तथा तुला राशि में अधिक पाप ग्रह हो तो डायबिटीज की आशंका रहती है।
- पाप ग्रहों से युक्त दूषित शुक्र और चंद्र भी डायबिटीज होने के संकेत देते हैं।
- चंद्र, शुक्र, मंगल, सूर्य का योग कुंडली में हो तो डायबिटीज होने की आशंक होती ही है।
उपाय क्या है
- डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए लग्नेश का रत्न धारण करना चाहिए।
- लाल मूंगा तथा पीला पुखराज धारण करने से भी डायबिटीज को नियंत्रित रखा जा सकता है।
- योग, प्राणायाम, ध्यान का अभ्यास नियमित रूप से करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है।