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Vastu Tips : बुजुर्गों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाएं बेडरूम

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। घर के बुजुर्ग परिवार की धुरी होते हैं। बुजुर्ग घर में हों तो किसी बात की चिंता नहीं रहती, हिम्मत रहती है। इसलिए परिवार के बुजुर्गों का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। वे सेहतमंद रहेंगे तो आप भी टेंशन फ्री रहेंगे। परिवार के बुजुर्गों के खराब स्वास्थ्य के लिए घर का वास्तुदोष भी जिम्मेदार हो सकता है। घर की पूर्व और दक्षिण-पश्चिम (नैऋ त्य) दिशा बुजुर्गों के अच्छे स्वास्थ्य से संबंध रखती है। यदि इस दिशा में वास्तुदोष है, उनका शयनकक्ष उचित दिशा में नहीं है या कमरे के अंदरूनी हिस्सों में किसी प्रकार का वास्तुदोष है, तो यह परिवार के बाकी सदस्यों के साथ ही परिवार के बुजुर्गों के स्वास्थ्य और आयु को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।

आइए जानते हैं इस प्रकार के वास्तुदोष को दूर करने के लिए क्या किया जाना चाहिए....

 दक्षिण-पश्चिम (नैऋ त्य) भाग ऊंचा और भारी होना चाहिए

दक्षिण-पश्चिम (नैऋ त्य) भाग ऊंचा और भारी होना चाहिए

  • ध्यान रहे घर का दक्षिण-पश्चिम (नैऋ त्य) भाग ऊंचा और भारी रहे। यहां कोई वजनी वस्तु रखी जा सकती है। यह कोना बुजुर्गों के अच्छे स्वास्थ्य और परिवार में उनके महत्व को बनाए रखता है।
  • घर का पूर्वी भाग हमेशा खुला और हवादार रखना चाहिए। यह भाग साफ-स्वच्छ हो और धूप आती रहे। इस दिशा में खिड़कियां होना भाग्यशाली माना जाता है। उन्हें खुली रखने से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। इस दिशा में स्टोर रूम, शौचालय, सीढ़ियां, लंबे पेड़ बिलकुल नहीं लगाना चाहिए। इससे परिवार के बच्चे और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ता है।

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बुजुर्गों का कमरा दक्षिण दिशा में होना चाहिए

बुजुर्गों का कमरा दक्षिण दिशा में होना चाहिए

  • परिवार के मुखिया और परिवार के बुजुर्गों का कमरा दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। हालांकि अगर बुजुर्ग काम से रिटायर हो गए हैं और अब आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों में समय बिताते हैं, तो उन्हें पूर्व-उत्तर (ईशान), पूर्व या उत्तर में भी कमरा दिया जा सकता है।
  • यदि बुजुर्ग (विशेष रूप से महिला) का शयनकक्ष दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) कोण में स्थित है, तो इससे परिवार में अशांति पैदा सकती है। इसी तरह यदि उनका कमरा उत्तर-पश्चिम (वायव्य) में है, तो उनके बीमार पड़ने की पूरी आशंका रहती है।
  • बिस्तर पर सोते समय सिर पूर्वी दिशा में होना चाहिए। यदि यह संभव नहीं हो तो दक्षिण दिशा में भी बदला जा सकता है।
  • बुजुर्गों को कभी भी बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए

    बुजुर्गों को कभी भी बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए

    • बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं आना स्वाभाविक है। लेकिन सुनिश्चित करें कि सभी मेडिकल पेपर, रिपोर्ट, पर्चे और दवाएं एक अलमारी या शेल्फ में रखना चाहिए जो उत्तर और उत्तर-पूर्व के बीच में हो। अगर इसे दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम कोने में रखा जाता है, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और वह भी गंभीर हो सकता है।
    • अच्छे स्वास्थ्य के लिए बुजुर्गों के कमरे का रंग हल्का ग्रीन होना चाहिए। यह सबसे शुभ होता है। कोशिश करें कि उनके बेड और कमरे के परदों का रंग भी हरा हो।
    • बुजुर्गों को कभी भी बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए। इससे रोग आने की आशंका बढ़ जाती है। जमीन पर बैठकर भोजन करें। यदि जमीन पर बैठने में दिक्कत हो तो डायनिंग टेबल या अन्य किसी टेबल का उपयोग किया जा सकता है।

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English summary
Some Vastu guidelines if followed while setting up your parents' bedroom can do wonders in attracting energies for good health and harmony in the family.
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