अच्छी लंबाई पाना चाहते हैं तो इस ग्रह को करें मजबूत...
नई दिल्ली। शारीरिक सुंदरता में अच्छे नैन-नक्श और हेल्थ के साथ अच्छा कद भी बहुत मायने रखता है। जरूरत से ज्यादा कम और जरूरत से ज्यादा हाइट होना न केवल शारीरिक सौंदर्य के लिहाज से खराब माना जाता है बल्कि लड़कियों के लिए तो यह और भी ज्यादा परेशानी भरा हो जाता है। बहुत कम हाइट है या सामान्य से ज्यादा हाइट है तो विवाह होने में भी बड़ी दिक्कत आती है। आज के दौर में कामयाब होने के लिए सही शारीरिक संरचना का होना अत्यंत आवश्यक है। वैदिक ज्योतिष में शारीरिक संरचना, सौष्ठव आदि के लिए स्थान और ग्रह निर्धारित है। उनकी स्थिति देखकर और उससे संबंधित ग्रह को मजबूती प्रदान करके उत्तम लंबाई पाई जा सकती है।
लग्न भाव से पता चलती है शारीरिक संरचना
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली के पहले स्थान यानी लग्न भाव से शारीरिक संरचना का पता लगाया जाता है। लग्न स्थान से शरीर के विभिन्न् अंगों मस्तिष्क, सिर, आंख, चेहरा, मोटापा, दुबलापन, शरीर की लंबाई आदि के बारे में जानकारी हासिल की जाती है। जन्मकुंडली के लग्न स्थान का जो स्वामी होता है, उसके अनुसार व्यक्ति की शारीरिक संरचना का निर्धारण होता है। उदाहरण के लिए यदि लग्न में सूर्य बैठा हुआ है तो जातक सुंदर, लंबे और दुबले शरीर वाला होगा। उसे तीखे नैन-नक्श होंगे। यदि लग्न स्थान में मंगल बैठा हुआ है तो जातक सांवले रंग का मध्यम कद-काठी का होगा। इसी तरह अन्य ग्रहों के स्वभाव और गुणधर्म के अनुसार जातक के शरीर का आकार तय होता है।
लग्नेश को करें मजबूत
यदि उत्तम लंबाई पाना चाहते हैं तो वैदिक ज्योतिष के अनुसार लग्नेश यानी लग्न स्थान के स्वामी को मजबूती प्रदान करना चाहिए। लग्नेश को बल मिलने से जातक शारीरिक रूप से मजबूत होता है। किसी ज्योतिषी से अपनी कुंडली दिखवाकर लग्नेश के अनुसार मंत्र जप, पूजा-पाठ या रत्न का उपाय किया जा सकता है। लग्नेश को बल प्रदान करने के लिए उसके अधिपति देवता का पूजन भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि आपका लग्न मीन या धनु है तो उसका लग्नेश ग्रह बृहस्पति हुआ और उसके अधिपति देवता भगवान विष्णु हुए। इसलिए यदि आप भगवान विष्णु को प्रसन्न् करने के उपाय करेंगे, गुरुवार का व्रत करेंगे तो लग्नेश को मजबूती मिलेगी।
अच्छी लंबाई के लिए ये उपाय भी करें
- नवग्रहों में सूर्य को शारीरिक संरचना का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है। सूर्य को प्रसन्न् करने के लिए प्रतिदिन सूर्योदय के समय अर्घ्य दें। प्रात: सूर्य नमस्कार करें। इससे शारीरिक बल तो प्राप्त होता ही है शारीरिक रोगों का भी नाश होता है। आंखों की रोशनी तेज होती है।
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मंगल
से
संबंधित
उपाय
करके
भी
अच्छा
कद
पाया
जा
सकता
है।
मंगल
खेल-कूद,
शारीरिक
बल
आदि
का
प्रतिनिधि
ग्रह
है।
रक्त,
मज्जा,
मांसपेशियों
पर
भी
मंगल
का
आधिपत्य
होता
है।
मंगल
से
जुड़े
उपाय
करके
अच्छा
शरीर
पाया
जा
सकता
है।
प्रतिदिन
मंगल
स्तोत्र
का
पाठ
करें।
मंगलवार
के
दिन
शिवलिंग
पर
शहद
अर्पित
करें।
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जन्मकुंडली
में
तृतीय
भाव
और
तृतीय
भाव
के
स्वामी
को
मजबूत
होना
चाहिए।
जन्मकुंडली
में
तृतीय
भाव
और
तृतीयेश
ये
जातक
के
शारीरिक
सौष्ठव
का
भी
पता
लगाया
जाता
है।
इसे
पराक्रम
भाव
कहा
जाता
है
इसलिए
इससे
जातक
के
पराक्रम
आदि
की
जानकारी
हासिल
की
जाती
है।
किसी
व्यक्ति
में
कितना
शारीरिक
बल
यह
उसके
तीसरे
स्थान
को
देखकर
पता
लगता
है।
इसलिए
तीसरे
स्थान
को
मजबूत
करके
शारीरिक
क्षमता
हासिल
की
जा
सकती
है।