ज्योतिष बोले- माया, राहुल पर भारी उमा भारती के ग्रह
ज्योतिषशास्त्र की माने तो भाजपा ने उमा भारती को यूपी की बागडोर सौंपकर दोंनो नेताओं को एक बार पुन: आमने-सामने खड़ा कर दिया है। उमा भारती के लिये यूपी का राजनैतिक मैदान का एक कठिन कुरूक्षेत्र है। जॅहा से सार्थक परिणाम लाना हाथी के दांत उखाड़ने जैसा है, किन्तु अपनी कठिन मेहनत, वाकपटुता, आक्रामक तेवर के अपने पिछले रिकार्ड के चलते वे पस्ताहाल उत्तर प्रदेश भाजपा के लिये एक बड़ी सौगात है। किन्तु इसके लिये उमा भारती को अधिक श्रम, कुशल रणनीति तथा दिशाबोधक नेतृत्व देते हुये, धैर्य का भी परिचय देना होगा। वहीं राहुल गांधी के लिए इस चुनाव को जीतना काफी कठिन दिख रहा है।
क्या
कहती
है
ज्योतिषीय
दृष्टिकोण
से
ग्रह
गोचर
स्थिति-
उमा
भारती
के
पुनः
पार्टी
में
आने
का
समय
व
लग्न
दिनांक-
7
जून
सन
2011,
दिन-
मंगलवार
तिथि-
ज्येष्ठ
शुक्ल
षष्ठी,
समय
-
दिन
के
11:54
बजे,
स्थान-
दिल्ली,
लग्न-
सिंह
था।
ठीक
इसी
समय
नितिन
गडकरी
ने
उमा
भारती
को
यूपी
की
कमान
सौंपी।
लग्न
का
स्वामी
सूर्य
दशम
भाव
में
अपनी
शत्रु
राशि
वृष
में
एंव
द्वितीयेश
बुध
के
साथ
स्थित
है।
अतः
उमा
भारती
अपनी
वाकपटुता
से
कार्यकर्ताओं
में
उत्साह
तो
जगा
देंगी
किन्तु
भाजपा
के
राज्य
से
जुड़े
बड़े
नेताओं
का
अन्दरूनी
विरोध
उनका
मानसिक
सन्तुलन
बिगाड़
सकता
है।
तृतीय भाव का अधिपति शुक्र दशम भाव में स्थित होकर चतुर्थग्रही योग बना रहा है, जिसके फॅलस्वरूप वह पराक्रम व साहस के बल पर विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने में कामयाब होगी। चतुर्थ भाव का स्वामी, भाग्य भाव में पंचमेश गुरू के साथ अपनी मेष राशि में स्थित होने से कुशल रणनीति से कुछ धार्मिक कार्यो को एक नयी दिशा देने का प्रयास करेंगी। षष्ठेश व सप्तमेश शनि द्वितीय भाव में स्थित होने से कुछ कटु टिप्पणियां करने से राज्य सरकार से विरोध व टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अष्टमेश व नवमेश दोनों धर्म भाव में स्थित होने से पार्टी के पिता तुल्य व्यक्तियों से कुछ वैचारिक मतभेद हो सकता है।
दशमेश शुक्र लाभेश व द्वितीयेश बुध के साथ स्थित है अतः कुछ मित्रो के सहयोग से संगठन में फैली अव्यवस्था को दूर करने का प्रयास करेंगी। द्वादश भाव में अपनी कर्क राशि में बैठा चन्द्रमा जिसकी सप्तम दृष्टि षष्ठ भाव पर पड़ रही है तथा राहु एनर्जी का कारक है जो नवम दृष्टि से द्वादश भाव को देख रहा है जिससे वह बड़ी चतुराई से अपने विरोधियों से भी कार्य करवाने में सफल होगी।
15 नवम्बर 2011 को शनि अपनी मित्र राशि तुला में प्रवेश करेगा। जिसका स्वामी शुक्र स्त्री कारक ग्रह एंव तुला राशि न्याय का प्रतीक है। शनि ग्रह व तुला राशि ये दोंनो न्याय के पक्षधर है। अतः भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था एंव महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर एक जन आन्दोलन आरम्भ कर सकती है जिसके सार्थक परिणाम भाजपा को 2012 के विधानसभा चुनावों में देखनें को मिलेंगे।
अब हम बात करेंगे मुख्यमंत्री मायावती की। बसपा पार्टी की सुप्रीमो श्री मायावती की नाम राशि सिंह है जिस पर शनि की साढ़ेसाती उतार पर है ,अतः बहुत सावधानी पूर्वक, फूंक-फूंक कर कदम रखने की आवश्यकता है अन्यथा महिला उत्पीड़न, कानून व्यवस्था तथा विकास कार्यो में व्याप्त भ्रष्टाचार सरकार की बलि ले सकता है।
समाजवादी पार्टी की नाम राशि कुम्भ है तथा पार्टी के मुखिया श्री मुलायम सिंह की नाम राशि सिंह है। कुम्भ राशि मिटटी के घड़े का प्रतीक है जिससे पार्टी में अन्दरूनी गतिरोध बना रहेगा जिसे समझ पाना लोहे के चने चबाने जैसा है। सिंह राशि पर शनि का साढ़ेसाती उतार पर है अतः शत्रुओं को मित्र बनाने की कला का प्रयोग करना पड़ेगा। इन दोंनो राशियों के स्वामी आपस में शत्रु है इसलिये नेता व कार्यकर्ताओं में सामंजस्य नहीं बैठ पायेगा। यदि आन्दोलन में महिलाओं को मुख्य भूमिका में रखा जाय तो परिणाम हितकर रहेंगे।
कांग्रेस पार्टी की नाम राशि मिथुन तथा यूपी के प्रभारी दिग्विजय सिंह की मीन राशि है, इन दोंनो राशियों पर शनि की ढैय्या चल रही है। अतः कांग्रेस चापलूसों की खांई में गिरती रहेगी एंव दिग्विजय सिंह की आपत्तिजनक टिप्पणियों से विरोधियों की दबी हुयी चिनगारी को हवा मिल सकती है। राहुल की नाम राशि तुला है जिस पर शनि की साढ़ेसाती प्रारम्भ हो रही है। अतः राहुल का किसानों की
समस्याओं तथा निचली जातियों की गरीबी पर सेंकी गई राजनीतिक रोटी भी जल जायेगी। नाम राशि के अनुसार उत्तर प्रदेश उमा में समानता है कि दोनो की एक ही राशि वृष है। भाजपा की नाम राशि मकर तथा उमा की राशि वृष है। इन दोनों राशियों के स्वामी आपस में नैसर्गिक मित्र
है। अतः उमा भारती भाजपा के उत्तर प्रदेश में खोये हुये जनाधार को मजबूत करने में काफी हद तक कामयाब होगी और एक बार फिर उमा भारती भाजपा व संघ परिवार का सबसे प्रिय चेहरा बन सकती है।