नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: पाकिस्तान समर्थक और कश्मीर घाटी के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के पोते को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। अनीस-उल-इस्लाम को 2016 में जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के तहत शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में अनुसंधान अधिकारी नियुक्त किया गया था। उस वक्त जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थीं। आरोप है कि पूर्व की महबूबा सरकार ने उसकी भर्ती में जमकर गड़बड़ी की।
सूत्रों के मुताबिक सरकारी नौकरी मिलने से कुछ महीने पहले अनीस-उल-इस्लाम पाकिस्तान गया और अपने दादा के कहने पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के कर्नल यासिर से मुलाकात की। बाद में दावा किया गया कि अनीस की नियुक्त के लिए सरकार में शीर्ष अधिकारियों का दबाव था। साथ ही पूरी भर्ती प्रक्रिया में हेरफेर किया गया। अनीस ने कथित तौर पर श्रीनगर और उसके आसपास ड्रोन उड़ाने में कुछ लोगों की मदद भी की थी। सूत्रों ने आगे कहा कि गिलानी के पोते की नियुक्ति में अत्यधिक अनियमित पाई गई। 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में जमकर हिंसा हो रही थी। दावा है कि उस दौरान महबूबा मुफ्ती सरकार ने हिंसा को कम करने के लिए गिलानी के पोते की नौकरी का सौदा किया था। आपको बता दें कि SKICC जम्मू और कश्मीर प्रशासन की एक शीर्ष सम्मेलन और कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा है, जिसका उपयोग उच्च स्तरीय बैठकों और वीवीआईपी सम्मेलनों के लिए किया जाता है। सूत्र ने ये भी बताया कि अनीस यूएई और सऊदी अरब में तीन संदिग्धों के संपर्क में है। जिस वजह से उसे बर्खास्त करने का फैसला लिया गया।