तेलंगाना के शहरी निकायों का राजस्व बढ़ा: RBI
हैदराबाद नगर निगम पर काफी बड़ा लोन है, बावजूद इसके तेलंगाना की के शहरी निकाय बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रदेश की ग्रॉस स्टेट डॉमेस्टिक प्रोडक्ट में योगदान करने वाली तीसरी सबसे बड़ी ईकाई है। यही नहीं वारंगल, खम्माम और करीमनगर भी कर वसूली के लिहाज से काफी अच्छा काम कर रहे हैं और अच्छा राजस्व इकट्ठा कर रही है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया म्युनिसिपल फाइनेंसेस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बिहार और आंध्र प्रदेश के बाद तेलंगाना तीसरा राज्य है जहां जिसके निकाय ने वित्त वर्ष 2019-20 में अचल संपत्ति को बढ़ाने और अन्य विकास कार्यों में व्यय 0.37 फीसदी तक बढ़ाया है। वहीं बिहार ने 0.84 फीसदी और आंध्र प्रदेश ने 0.60 फीसदी का लक्ष्य हासिल किया है।
बता दें कि बजट में पूंजी का व्यय जितना अधिक होगा उतना ही किसी भी निकाय का विकास बेहतर होगा। तेलंगाना ने धीरे-धीरे पूंजी के व्यय को म्युनिसिपल में पिछले सालों में बढ़ाया है। 2017-18 में तेलंगाना का जीएसडीपी में निकाय पर कुल व्यय 0.18 फीसदी था, 2018-19 में 0.35 फीसदी था, जबकि 2019-20 में यह बढ़कर 0.37 फीसदी हो गया है। एक और रोचक पहलू यह है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों एकमात्र राज्य हैं जिन्होंने निकाय को बैंक से लोन लेने की अनुमति दी है। भारत में निकाय कानून की बात करें तो सिर्फ राज्य सरकार की अनुमति पर ही निकाय बैंक से लोन ले सकते हैं।