पंजाब: 'आप' का कांग्रेस पर वार, अवैध खनन में राणा KP की भूमिका पर उठाए ये सवाल
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी ने मीडिया को संबोधित करते हुए पूर्व कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मालविंद्र कंग ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में धड़ाधड़ अवैध माइनिंग हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब में अवैध माइनिंग में राणा के.पी. की भरपूर शमूलियत रही है। उन्होंने कहा कि इस अवैध माइनिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर फाइलें इधर से उधर भटकती रहीं लेकिन कहीं किसी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
मालविंद्र
कंग
बोले
कि,
राणा
के.पी.
जोकि
कांग्रेस
कार्यकाल
में
विधानसभा
के
स्पीकर
रहे
हैं,
उन
पर
3
करोड़
रुपए
का
अनस्क्योर
लोन
दर्शाया
गया
है।
कांग्रेस
कार्यकाल
में
बड़ी
मात्रा
में
अवैध
माइनिंग
हुई
है।
मालविंद्र
कंग
ने
कहा
कि
अगर
राणा
के.पी.
का
दिल
साफ
है
तो
उन्हें
फिर
इंक्वायरी
से
डर
क्यों।
कंग
ने
कहा
कि
जिन्होंने
पंजाब
को
लूटा
है,
उन्हें
हिसाब
देना
होगा।
वहीं,
दूसरी
तरफ
राणा
के.पी.
ने
सरकार
की
इस
कार्रवाई
को
बदलाखोरी
की
भावना
बताया
है।
राणा
के.पी.
का
कहना
है
कि
सरकार
झूठे
केस
में
फंसाकर
उन्हें
तंग-परेशान
कर
रही
है।
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इधर,
पटियाला
में
कैप्टन
का
धमाका
ठुस्स
पंजाब
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
का
जिला
पटियाला
में
धमाका
ठुस्स
होकर
रह
गया
है।
कैप्टन
की
पार्टी
पी.एल.सी.
का
बीजेपी
में
मिलने
मौके
यह
बड़े
क्यास
थे
कि
जिला
पटियाला
से
पता
नहीं
कितने
बड़े
नेता
कैप्टन
के
साथ
जाएंगे
क्योंकि
पटियाला
कैप्टन
का
पैतृक
जिला
है
परन्तु
जिला
पटियाला
के
8
विधानसभा
हलकों
के
8
हलका
इंचार्जों
में
से
कैप्टन
के
साथ
एक
भी
नहीं
गया।
जिले
के
8
विधानसभा
हलकों
में
से
राजपुरा
से
कांग्रेस
के
महासचिव
हरदयाल
सिंह
कम्बोज,
घनौर
से
मदन
लाल
जलालपुर,
पटियाला
शहर
से
हलका
इंचार्ज
विष्णु
शर्मा,
नाभा
से
पूर्व
मंत्री
साधु
सिंह
धर्मसोत,
सनौर
से
हरिन्दर
पाल
सिंह
हैरीमान,
समाना
से
काका
राजिन्दर
सिंह,
पातड़ां
से
कांग्रेस
के
दोनों
बड़े
नेता
दरबारा
सिंह
और
निर्मल
सिंह
शुतराना,
पटियाला
देहाती
हलके
इंचार्ज
सहित
कांग्रेस
के
सीनियर
नेता
लाल
सिंह
यहां
तक
कि
दूसरी
कतार
के
नेता
भी
कैप्टन
के
साथ
नहीं
गए
और
समूह
कांग्रेसी
नेताओं
ने
पूरी
तरह
एकजुटता
दिखाई
है।
उधर,
दूसरी
तरफ
कांग्रेस
के
महासचिव
हरदयाल
सिंह
कम्बोज
भी
कांग्रेसी
वर्करों
और
नेताओं
को
रोकने
के
लिए
पूरी
तरह
सक्रिय
रहे
और
कांग्रेस
की
इस
एकजुटता
के
साथ
जिले
में
नए
राजनीतिक
समीकरण
बनेंगे।
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
की
पटियाला
जिला
तो
क्या
पूरे
पंजाब
में
तूती
बोलती
थी।
2002
से
2007
तक
पहले
मुख्यमंत्री
रहे
और
फिर
2017-2022
तक
साढ़े
चार
साल
के
लगभग
मुख्यमंत्री
रहे।
कैप्टन
अमरिंदर
को
पटियाला
जिले
ने
बहुत
ज्यादा
सहयोग
नहीं
दिया।
हां
अमरिंदर
के
साथ
पहले
ही
उसकी
पार्टी
पी.एल.सी.
के
नेता
जरूर
बीजेपी
में
मर्ज
होने
के
लिए
तैयार
हैं।