हरियाणा: खट्टर सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, अब गुरुग्राम में 50 गज के प्लाट की हो सकेगी रजिस्ट्री
इस नियम की वजह से छोटे प्लाटधारकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। सबसे ज्यादा परेशानी ऐसे लोगों को झेलनी पड़ती थी जिनके दो बच्चे थे और 100 गज के प्लाट में रहते थे।
गुरुग्राम में 1980 से पहले बसी 16 कॉलोनियों के लाखों लोगों के लिए खुशखबरी है, जब अब तक छोटे प्लाट की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के खा रहे थे। नगर नियोजन और पुनर्वास योजनाओं के तहत आवंटित 100 वर्ग गज तक के आवासीय भूखंडों में रहने वाले लोग भी अब इसे 50-50 गज के दो हिस्सों में बांट कर रजिस्ट्री करा सकेंगे। अभी तक इन योजनाओं के तहत आवंटित 200 गज तक के प्लाट को ही भूस्वामी दो हिस्सों में विभाजित कर सकते थे।
इस नियम की वजह से छोटे प्लाटधारकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। सबसे ज्यादा परेशानी ऐसे लोगों को झेलनी पड़ती थी जिनके दो बच्चे थे और 100 गज के प्लाट में रहते थे। ऐसे लोग अपने बच्चों में पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा नहीं कर पा रहे थे। नियम में हुए इस बदलाव को लेकर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
बता दें कि, देश की आजादी के समय लाखों शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आए थे। इनके रहने के लिए भारत सरकार द्वारा 1959 से लेकर 1966 तक री-हेबिलिटेशन और टाउन प्लानिंग स्कीम लागू की थी। उस समय इन प्लाट के आकार तय किए गए थे। साथ ही नियम बनाया गया था कि, इन आवंटित प्लाटों को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता है।
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कई दशक गुजर जाने के बाद अब लोगों को इस नियम से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लोग अपने बच्चों में संपत्ति का बंटवारा नहीं कर पा रहे थे। जिसकी वजह से सरकार को अब अपने नियम में बदलाव करना पड़ा।