हरियाणा सरकार ने शामलाती जमीन के विवाद को सुलझाया! जमीन की मालिक होंगी सरकारें
चंडीगढ़, सितंबर 17। हरियाणा सरकार ने शामलाती भूमि के विवाद को समाप्त करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। शामलाती (पंचायती) जमीन के मालिकाना हक के विवाद को सुलाझने के लिए बीच का रास्ता निकालने में जुटी प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना से बचने के लिए कदम आगे बढ़ाए हैं। अब राज्य में शामलाती भूमि की मालिक सरकार रहेगी, लेकिन इनपर काबिज लोगों को नहीं हटाया जाएगा।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तायुक्त राजस्व वीएस कुंडू ने सभी उपायुक्तों को लिखित आदेश जारी किए हैं कि मुस्तरका और जुमला मालिकान भूमि का मालिकाना हक पंचायतों और स्थानीय निकायों के नाम कराया जाए। हालांकि इस बात का जिक्र आदेश में नहीं है कि ऐसी जमीनों पर काबिज लोगों को हटाया नहीं जाएगा। माना जा रहा है कि काबिज लोग पहले की तरह ऐसी जमीनों पर अपने काम धंधे करते रहेंगे, लेकिन सरकार अवैध कब्जे जरूर हटाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सात अप्रैल को जय सिंह बनाम हरियाणा सरकार के मामले में आदेश दिया था कि मुस्तरका और जुमला मालिकान भूमि को लेकर निजी लोगों के नाम हुई रजिस्ट्रियों को रद कर इसका मालिकाना हक पंचायतों और स्थानीय निकायों के नाम किया जाए। इसके बाद वित्तायुक्त राजस्व ने 21 जून को सभी उपायुक्ताओं को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने के आदेश जारी कर दिए थे। विधानसभा के मानसून सत्र में यह मुद्दा उठा तो प्रदेश सरकार ने जमीन का मालिकाना हक बदलने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद 18 अगस्त को वित्तायुक्त राजस्व ने आदेश जारी किए कि जिन लोगों ने मुस्तरका और जुमला मालिकान भूमि की रजिस्ट्री करा ली है, उन्हें सुनवाई का मौका दिया जाए। किसी का कब्जा है तो एसडीएम की कोर्ट बेदखल कर सकती है। म्यूटेशन दर्ज है तो एसडीएम और कलेक्टर को इसे खत्म करने की पावर है। इसलिए नियमानुसार कार्रवाई करें। वित्तायुक्त राजस्व ने अब फिर से उपायुक्तों को पंचायत के नाम जमीन के इंतकाल की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।