Vaishakh Month 2023: ये है वैशाख माह का महत्व और व्रत-त्योहार
Vaishakh Month 2023: मलमास समाप्त होगा, गुरु होंगे उदय, मनेगा भगवान परशुराम का जन्मोत्सव।
Vaishakh Month 2023: हिंदू वर्ष का दूसरा मास वैशाख होता है। इस मास में भगवान विष्णु की भक्ति प्रमुखता से की जाती है। पूरे मास के दौरान अनेक विशेष व्रत-पर्व, उत्सव आते हैं जिनमें पवित्र नदियों में स्नान, दान, जप, कल्पवास आदि करने का बड़ा महत्व होता है। वैशाख मास 7 अप्रैल 2023 से प्रारंभ होकर 5 मई तक चलेगा, किंतु वैशाख स्नान चैत्र पूर्णिमा से ही प्रारंभ हो जाता है। वैशाख माय में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पर्वादि आते हैं। इस मास में सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही मलमास समाप्त होगा और शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध समाप्त होगा। इसी मास में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव अक्षय तृतीया के दिन मनाया जाएगा। साथ ही बृहस्पति भी उदय होंगे जिससे एक बार फिर विवाह कार्य प्रारंभ हो सकेंगे। इस मास में एक सोम प्रदोष का संयोग भी बनेगा। गुरु पुष्य का संयोग भी होगा।
वैशाख- संवत 2080 के प्रमुख पर्वादि
- 9 अप्रैल- संकट चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि 9.56 पर
- 13 अप्रैल- कालाष्टमी
- 15 अप्रैल- पंचक्रोशी यात्रा प्रारंभ
- 16 अप्रैल- वरूथिनी एकादशी, श्री वल्लभाचार्य जयंती
- 17 अप्रैल- सोम प्रदोष व्रत
- 18 अप्रैल- मास शिवरात्रि व्रत
- 20 अप्रैल- वैशाखी अमावस्या, पंचक्रोशी यात्रा पूर्ण, ग्रीष्म् ऋतु प्रारंभ
- 22 अप्रैल- श्री परशुराम जन्मोत्सव, अक्षय तृतीया, शिवाजी जयंती
- 23 अप्रैल- विनायक चतुर्थी
- 25 अप्रैल- आद्य शंकराचार्य जयंती
- 26 अप्रैल- श्री रामानुजाचार्य जयंती
- 27 अप्रैल- श्री गंगा जन्म, गुरु पुष्य संयोग प्रात: 7.01 से
- 29 अप्रैल- सीता नवमी, मातृलक्ष्मी
- 1 मई- मोहिनी एकादशी व्रत
- 3 मई- प्रदोष व्रत
- 4 मई- भगवान नृसिंह जयंती
- 5 मई- सत्यनारायण पूर्णिमा व्रत, कूर्म जयंती, बुद्ध जयंती, यम प्रीत्यर्थ जलकुंभ दान, वैशाख स्नान पूर्ण
- अप्रैल-मई 2023 में ग्रहों की चाल
- 14 अप्रैल- सूर्य मेष में दोपहर 2.58 से, मलमास समाप्त
- 21 अप्रैल- बुध वक्री दोपहर 2.02 से, गुरु मेष में प्रात: 5.14 से (22 अप्रैल सूर्योदय पूर्व)
- 23 अप्रैल- बुध पश्चिम में अस्त प्रात: 6.55
- 30 अप्रैल- गुरु उदय प्रात: 4.30 (1 मई सूर्योदय पूर्व)
- 2 मई- शुक्र मिथुन में दोपहर 1.49 से
वैशाख में पंचक
- पंचक प्रारंभ- 15 अप्रैल सायं 6.44 से
- पंचक समाप्त- 19 अप्रैल रात्रि 11.54 पर
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